
Air India Boeing 787 Crash: 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान दुर्घटना में 260 लोग मारे गए थे। AAIB ने प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है। इससे पता चला है कि टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद बोइंग 787 विमान के इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच कुछ देर के लिए बंद हो गए थे। इससे विमान के दोनों इंजन बंद हो गए और हादसा हो गया। आइए जानते हैं ये फ्यूल कंट्रोल स्विच क्या हैं और किस काम आते हैं।
बोइंग 787 विमान के फ्यूल स्विच इसके दोनों इंजनों में इंधन की सप्लाई कंट्रोल करते हैं। पायलट जमीन पर इंजन चालू या बंद करने के लिए या उड़ान के दौरान इंजन में खराबी आने पर उसे मैन्युअल रूप से बंद या चालू करने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं।
विमानन विशेषज्ञों के अनुसार फ्यूल स्विच विमान का बेहद अहम पुर्जा है। यह कोई ऐसा स्विच नहीं जिसे कोई पायलट गलती से बंद कर दे। अगर उड़ान के दौरान स्विच ऑफ किया जाए तो तुरंत इंजन को इंधन की सप्लाई बंद होती है और वह बंद हो जाता है।
अमेरिकी एविएशन सिक्योरिटी एक्सपर्ट जॉन कॉक्स के अनुसार, ईंधन कटऑफ स्विच और उन स्विचों द्वारा कंट्रोल किए जाने वाले फ्यूल वाल्वों के लिए अलग पावर सिस्टम और वायरिंग होते हैं ताकि यह हर स्थिति में काम करता रहे।
बोइंग 787 विमान में दो GE इंजन लगे हैं। इसमें दो फ्यूल स्विच होते हैं। ये थ्रस्ट लीवर के नीचे रहते हैं। स्विच में स्प्रिंग लगा होता है। किसी स्विच को रन से कटऑफ में बदलने के लिए पायलट को पहले स्विच को ऊपर खींचना होता है और फिर उसे रन से कटऑफ या इसके विपरीत ले जाना होता है। इसके दो मोड 'CUTOFF' और 'RUN' है। रन का मतलब है कि इंधन इंजन को मिलेगा। वहीं, 'CUTOFF' का मतलब है कि इंजन को इंधन नहीं मिलेगा।
फ्लाइट रिकॉर्डर के अनुसार, उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद, दोनों इंजनों के स्विच एक-एक सेकंड के अंतराल पर एक के बाद एक 'रन' से 'कटऑफ' पर आ गए। इसके चलते इंजन को इंधन नहीं मिला और वे बंद हो गए। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को दूसरे से यह पूछते हुए सुना गया कि उसने ईंधन क्यों बंद कर दिया। दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार कुछ सेकंड बाद स्विच वापस 'रन' पर आ गए। हालांकि तब तक देर हो गई थी। दुर्घटनास्थल पर दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच 'रन' स्थिति में पाए गए।