
Air India Plane Crash: अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान 12 जून को टेकऑफ करते ही क्रैश हो गया। विमान एयरपोर्ट के पास ही बने डॉक्टर्स हॉस्टल की बिल्डिंग से टकराकर आग के गोले में बदल गया। इस हादसे में प्लेन में सवार 241 लोगों की मौत हो गई। वहीं, जिस इमारत पर ये गिरा वहां भी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे कई युवा डॉक्टरों की जान चली गई। आखिर ऐसा क्या हुआ कि रनवे से उड़ान भरने के चंद सेकेंड में ही विमान क्रैश हो गया। इसके पीछे 3 थ्योरियां सामने आ रही हैं।
एअर इंडिया के प्लेन क्रैश के पीछे क्या वजह है, ये तो ब्लैक बॉक्स के डेटा रिकॉर्डर में हुई बातचीत के बाद ही क्लियर होगा, लेकिन सवाल उठता है कि क्या वाकई ये टेक्निकल गड़बड़ी की वजह से हुआ। क्योंकि विमान के टेकऑफ करने के बाद भी लैंडिंग गियर नीचे दिख रहे थे। करीब 625 फीट की ऊंचाई तक विमान पहुंच चुका था, लेकिन लैंडिंग गियर अंदर नहीं हुए, जो किसी तकनीकी खराबी की ओर इशारा करते हैं।
लैंडिंग गियर बंद नहीं होने के अलावा पायलट का एटीसी को Mayday कॉल करना भी अपने आप में बताता है कि विमान को बचाने के सारे रास्ते खत्म हो चुके थे। यानी पायलट उसी स्थिति में मेडे कॉल करता है, जब उसे पता हो कि अब प्लेन का पूरा कंट्रोल उसके हाथ से बाहर हो चुका है।
दोपहर 1.38 पर विमान रनवे से दौड़ना शुरू करता है और कुछ सेकेंड में ही टेकऑफ करते हुए 625 फीट की हाइट तक पहुंचता है। लेकिन इसके बाद इतने बड़े विमान को लिफ्ट कराने के लिए जिस थर्स्ट की जरूरत होती है, वो उसे नहीं मिला। देखते ही देखते विमान तेजी से नीचे आने लगता है और चंद सेकेंड में हॉस्टल की इमारत पर जाकर क्रैश हो जाता है।
एविएशन इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसा बहुत कम होता है कि विमान के दोनों इंजन एक साथ काम करना बंद कर दें। हालांकि, अगर एक भी इंजन काम कर रहा होता है तो पायलट विमान को ऊंचाई पर ले जा सकता है। लेकिन दोनों इंजन फेल होने की स्थिति में ऐसा संभव नहीं है।
इसके अलावा कुछ एक्सपर्ट ये भी कह रहे हैं कि हो सकता है विमान के इंजन से कोई पक्षी टकराया हो, जिसके चलते उसमें गड़बड़ी आई हो। वहीं, एक बात ये भी सामने आ रही है कि गर्मी के मौसम में तेज गर्म हवाएं बहुत ज्यादा पतली होकर बहती हैं, जिससे इंजन को मिलने वाले थर्स्ट में कमी आ जाती है, जिससे इतने भारी-भरकम विमान को लिफ्ट कराने के लिए जरूरी फोर्स नहीं मिल पाता।
इसके अलावा एक और बात जो सामने आ रही है, वो ये है कि विमान के लोड कैल्कुलेशन में तो चूक नहीं हुई, जिसकी वजह से उसे लिफ्ट कराने में दिक्कत हुई हो। हालांकि, अभी सारी बातें सिर्फ कयास ही हैं। डेटा रिकॉर्डर में दर्ज हुई बातचीत और बाकी जांच के बाद ही क्रैश की असली कहानी सामने आएगी।