Plane Crash: कोई पति से मिलने तो कोई पढ़ने जा रहा था लंदन, किसे पता ये होगी 'मौत की उड़ान'

Published : Jun 13, 2025, 02:55 PM ISTUpdated : Jun 13, 2025, 02:58 PM IST
Plane crash victim stories

सार

Ahmedabad Plane Crash Victim Stories: एयर इंडिया के विमान हादसे ने कई परिवारों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया। ईद मनाकर लौट रहे परिवार से लेकर हायर एजुकेशन के लिए जा रहे युवा तक, कई लोगों के सपने अधूरे रह गए। 

Air India Plane Crash Victim Stories: अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI-171 गुरुवार 12 जून को क्रैश हो गई, जिसमें सवार 241 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा जिस डॉक्टर्स हॉस्टल पर विमान गिरा वहां भी कई लोगों की जान चली गई। इस हादसे में पूरे के पूरे कई परिवार उजड़ गए हैं। हादसे के बाद कोई अपना बेटा खो चुका है, तो कोई मां-बहन-भाई। किसी ने पिता खोया तो कोई पति। कई तो अपनों का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अपनों से मिलने और उन्हें दोबारा देख पाने की उनकी ख्वाहिश अब कभी पूरी नहीं होगी। जानते हैं प्लेन क्रैश में मारे गए ऐसे ही परिवारों की दुखभरी कहानी।

1- ईद मनाकर लंदन लौट रहा परिवार

इस प्लेन में एक ऐसी फैमिली भी थी, जो ईद मनाने के लिए लंदन से सूरत आई थी। सूरत के रामपुरा इलाके में रहने वाली इस मुस्लिम फैमिली के लोग जब प्लेन में सवार हुए, तो उन्हें क्या पता था कि ये उनकी आखिरी उड़ान होनेवाली है। मुस्लिम फैमिली के पड़ोसियों के मुताबिक, हमारे बगल में ही अब्दुल्ला भाई नाना बाबा रहते हैं। उनका परिवा लंदन से ईद मनाने सूरत आया था। ईद के बाद परिवार के लोग वापस लौट रहे थे, लेकिन अब कभी नहीं लौटेंगे।

2- प्लेन क्रैश में खत्म हो गया डॉक्टर का पूरा परिवार

एयर इंडिया प्लेन क्रेश में राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के एक डॉक्टर का पूरा परिवार ही खत्म हो गया। डॉक्टर प्रतीक जोशी अपनी बेटी और दो जुडवां बेटों के साथ लंदन जाने के लिए इसी प्लेन में सवार हुए थे। प्लेन उड़ने से पहले प्रतीक जोशी ने फैमिली के साथ आखिरी सेल्फी ली थी, जिसमें सभी के चेहरे पर खुशियां झलक रही थीं। लेकिन पलक झपकते ही सबकुछ खत्म हो गया।

3- किसी ने आखिरी बार मां से की बात

प्लेन में सवार केबिन क्रू मेंबर दीपक पाठक ने 12 जून की सुबह आखिरी बार अपनी मां को गुड मॉर्निंग बोला था। मुंबई के पास बदलापुर के रहने वाले दीपक पाठक बतौर क्रू मेंबर इस प्लेन में सवार थे। लेकिन हादसे के बाद अब उनके घर में मातम पसरा हुआ है। उनकी फैमिली के एक शख्स ने बताया कि हादसे की खबर के बाद जब उन्हें फोन लगाया तो उनके मोबाइल की घंटी बजती रही, लेकिन किसी ने रिसीव नहीं किया।

4- लंदन में नर्स का काम करने वाली रंजीता की आखिरी उड़ान

केरल की रहने वाली नर्स रंजीता गोपाकुमार भी इसी प्लेन से लंदन जा रही थीं। दो बच्चों की मां रंजीता चार दिन पहले ही यूके से भारत लौटी थीं। वो केरल सरकार के हेल्थ डिपार्टमेंट में नर्स थीं। उनके दो बच्चे लंदन में थे, जिनसे मिलने के लिए वो इस प्लेन से रवाना हुई थीं। रंजीता अब अपने बच्चों को लंदन से वापस लाने जा रही थीं ताकि भारत में रहते हुए उन्हें यहीं पढ़ा सकें। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।

5- आगरा के रहने वाले पति-पत्नी की मौत

इस विमान में आगरा के रहने वाले लवानिया दंपत्ती भी सवार थे। नीरज लवानिया वड़ोदरा की फेदर स्काई विलास कॉलोनी में रहते थे। उन्होंने सुबह 9 बजे अपने भाई को फोन कर ये बताया था कि वो एयरपोर्ट के लिए निकल गए हैं। उसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला।

6- पति से मिलने लंदन जा रही दुल्हन भी खत्म

राजस्थान के बालोतरा की रहने वाली खुशबू राजपुरोहित की शादी 18 जनवरी, 2025 को हुई थी। वो अपने पति विपुल से मिलने लंदन जा रही थी, जो वहां डॉक्टर हैं। खुशबू को छोड़ने के लिए उसके पिता मदन सिंह एयरपोर्ट तक आए थे और यहां खुशबू ने आखिरी फोटो लेकर वाट्सएप स्टेटस पर डाली थी। दूसरी ओर, लंदन में उसके पति विपुल खूशबू के आने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि खुशबू अब कभी नहीं आएगी।

7- सूरत के डॉक्टर दंपत्ती का आखिरी सफर

इस विमान में सूरत के डॉक्टर हितेश शाह पत्नी अमिता शाह के साथ लंदन जा रहे थे। लंदन में इनकी बेटी थी, जिसका बर्थडे सेलिब्रेट करने के लिए निकले थे। हितेश पहले 20 जून को लंदन के लिए निकलने वाले थे, लेकिन बाद में प्लान चेंज कर 12 जून को ही रवाना हो गए। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका ये सफर जिंदगी का आखिरी सफर बनने वाला है।

8- पहली बार प्लेन में बैठी फिर नहीं लौटी

गुजरात के साबरकांठा की एक लड़की पायल खटीक तो पहली बार प्लेन में बैठी थी। मूलरूप से राजस्थान की रहने वाली पायल गुजरात के हिम्मतनगर में बिजनेस करने वाले खटीक परिवार की बेटी थी। पिता सुरेशभाई खटीक ने रिक्शा चलाकर बेटी को पढ़ाया लिखाया और इसके बाद वो एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती थी। कंपनी ने ही पायल को लंदन भेजा था, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही ये सफर अधूरा रह गया।

9- हायर एजुकेशन के लिए लंदन जा रहा था रुद्र

गुजरात में खेडा जिले के महेमदावाद स्थित वणसोली गांव का रहने वाला 20 साल का लड़ाक रुद्र 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए लंदन जा रहा था। रुद्र ने पहले कनाडा के लिए अप्लाई किया था, लेकिन वीजा नहीं मिलने पर लंदन के लिए अप्लाई किया और ओके हो गया। हालांकि, उसे क्या मालूम कि वो उसका आखिरी सफर होगा।

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