
Air India Plane Crash report: 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही Air India Flight 171 की भयावह दुर्घटना में एक नया मोड़ सामने आया है। भारत के प्रमुख एविएशन सेफ्टी एक्सपर्ट कैप्टन मोहन रंगनाथन ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में इस हादसे को संभवतः जानबूझकर किया गया बताया है। उनका दावा है कि Dreamliner के दोनों इंजनों का फ्यूल मैन्युअली ‘कटऑफ’ मोड में डाला गया जो केवल हाथ से किया जा सकता है, यानी यह कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं थी।
Air India की Boeing 787-8 Dreamliner ने दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरी। 228 यात्री और 14 क्रू मेंबर सवार थे। लेकिन सिर्फ 32 सेकंड के अंदर दोनों इंजनों की शक्ति चली गई और विमान मात्र 1.2 नॉटिकल मील दूर जाकर एक मेडिकल हॉस्टल से टकरा गया।
इस हादसे में 241 लोगों की मौत हुई जबकि सिर्फ एक यात्री 11A सीट पर बैठे एक ब्रिटिश-भारतीय जीवित बच पाए। क्रैश में 275 लोगों की जान गई जिसमें 241 तो प्लेन में सवार थे। मरने वालों में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी भी शामिल थे।
एयरक्रॉफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में सामने आया कि फ्लाइट टेकऑफ करते ही दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच RUN से CUTOFF पर कर दिए गए थे। ये स्विच कॉकपिट के सेंटर पेडेस्टल में होते हैं और इन पर एक सुरक्षात्मक गार्ड रेल भी होती है।
एविएशन एक्सपर्ट कैप्टन रंगनाथन का दावा है कि यह सिर्फ मैन्युअल रूप से किया जा सकता है। इन स्विच को बिना हाथ लगाए ऑफ करना संभव नहीं है। और अगर दोनों स्विच एक सेकंड के भीतर ऑफ किए गए हैं तो यह महज़ एक दुर्घटना नहीं, एक जानबूझकर की गई कार्रवाई है।
Cockpit Voice Recorder (CVR) से भी कुछ चौंकाने वाले संवाद सामने आए हैं। एक पायलट पूछता है कि तुमने यह क्यों किया तो दूसरा जवाब देता है कि मैंने यह नहीं किया। कैप्टन रंगनाथन के अनुसार, ये संवाद दिखाते हैं कि एक पायलट को अचानक महसूस हुआ कि इंजन बंद हो गए हैं। रिपोर्ट में vague भाषा का इस्तेमाल हुआ है जबकि स्पष्ट रूप से बताया जा सकता था कि आवाज़ CAM 1 (कप्तान) से आई थी या CAM 2 (को-पायलट) से।
रिपोर्ट में बताया गया है कि First Officer Clive Kunder फ्लाइट को उड़ा रहे थे (Pilot Flying), जबकि Captain Sumeet Sabharwal निगरानी कर रहे थे (Pilot Monitoring)। टेकऑफ के दौरान PF के दोनों हाथ कंट्रोल कॉलम पर होते हैं जिससे ये निश्चित किया जा सकता है कि स्विच मोड बदलने की क्रिया PM यानी कप्तान द्वारा की गई होगी।
रंगनाथन ने बताया कि कई मौजूदा पायलटों से उन्हें जानकारी मिली है कि कप्तान का चिकित्सा इतिहास संदिग्ध रहा है और वे पहले भी लंबी मेडिकल लीव पर थे। उन्होंने कहा कि अगर लाइन पायलट्स को उनकी मेडिकल हालत का पता था और मैनेजमेंट को नहीं तो ये बड़ी लापरवाही है। DGCA को चाहिए कि वो सिर्फ मेडिकल नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य की भी नियमित जांच करें।
भारत में आज तक किसी एयरलाइन या DGCA ने पायलट्स की साइकोलॉजिकल प्रोफाइल नहीं बनाई है। पिछले 10-15 सालों में फ्लाइट टाइम और रेस्ट लिमिट्स को लेकर पायलट्स पर भारी दबाव रहा है। ये सिर्फ कंपनी नहीं, रेगुलेटर और न्यायपालिका की भी जिम्मेदारी है।
नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने कहा कि AAIB की रिपोर्ट फिलहाल प्रारंभिक है और किसी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाज़ी होगी। नायडू ने कहा कि हमारे पास दुनिया के सबसे कुशल पायलट और क्रू हैं। इस मामले में तकनीकी जांच चल रही है और फाइनल रिपोर्ट तक इंतजार करना चाहिए।