आर्टिकल 370: जब अखिलेश यादव ने सदन में सुनाया अकबर-बीरबल का किस्सा

लोकसभा में मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने आर्टिकल 370 को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि जिस तरह से घाटी में आज बल का प्रयोग किया जा रहा है और इस फैसले से कश्मीर की जनता खुश नहीं है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 6, 2019 10:50 AM IST

नई दिल्ली. लोकसभा में मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने आर्टिकल 370 को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि जिस तरह से घाटी में आज बल का प्रयोग किया जा रहा है और इस फैसले से कश्मीर की जनता खुश नहीं है। अखिलेश ने कहा कि आज माहौल ऐसा हो गया है कि मेरे पड़ोसी सदन में ही मौजूद नहीं। गृह मंत्री कह रहे हैं कि हमने इस प्रस्ताव को विधानसभा से पास कराया है। इस पर अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर राज्यपाल को ही विधानसभा की ताकत दी है।

आजमगढ़ से सांसद अखिलेश ने कहा कि आप फैसले पर जश्न मना रहे हैं, लेकिन जिस राज्य के लिए यह फैसला हुआ, वहां के लोगों का क्या? उन्होंने कहा कि राज्यपाल कह रहे थे कि उन्हें कुछ नहीं पता है, लेकिन 48 घंटे में जो हुआ, उसे पूरे देश ने देखा। 

अखिलेश ने राज्यपाल की बीरबल से तुलना की
इस दौरान अखिलेश ने अकबर-बीरबल का एक किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा कि एक बार बादशाह अकबर ने दावत में कहा कि बैंगन की सब्जी अच्छी है तो बीरबल और उनके मंत्रियों ने भी सब्जी की तारीफ कर दी। लेकिन जब अगले ही दिन बादशाह की तबीयत खराब हुई तो उन्होंने बीरबल के सामने बैंगन की सब्जी की बुराई की। इसपर बीरबल ने भी बैंगन की बुराई कर दी। जब बादशाह ने सवाल किया तो बीरबल ने कह दिया कि वह बैंगन की नहीं बादशाह की नौकरी करते हैं। इसलिए जो बादशाह कहेंगे, वही मैं कहूंगा। यही जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल ने किया।

'गृह मंत्री भरोसा दें, पीओके हमारा है'
अखिलेश यादव ने पीओके को लेकर सरकार से सवाल किया। उन्होंने पूछा कि गृह मंत्री इस बात का भरोसा दें कि पीओके हमारा ही हिस्सा है। गृह मंत्री बताएं कि पीओके हमारा है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री बताएं कि कश्मीर जैसी खुशी नगालैंड-मिजोरम-सिक्किम में कब मिलेगी।

मैंने भी अपने कई साथी खोए- अखिलेश
उन्होंने बताया कि वे आर्मी स्कूल में पढ़े हैं। वहां के कई साथी घाटी में आतंकियों के खिलाफ युद्ध में शहीद हुए हैं। उन्होंने कहा,  ''मेरे साथी मेजर गोपिंदर सिंह राठौड़ को भी हमने खोया है।''
 

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