भाजपा सांसद ने 370 के लिए नेहरू को जिम्मेदार बताया, कहा- वे दखल न देते तो पीओके भी देश का हिस्सा होता

भाजपा ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर समस्या और धारा 370 के लिए फिर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया। भाजपा सांसद जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा कि धारा 370 आजादी के बाद सबसे बड़ी गलती थी। नेहरू अगर जम्मू कश्मीर के विषय में दखल न देते तो ये बखेड़ा न होता और न ये बिल लाना पड़ता।

Asianet News Hindi | Published : Aug 6, 2019 8:51 AM IST / Updated: Aug 06 2019, 02:22 PM IST

नई दिल्ली. भाजपा ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर समस्या और धारा 370 के लिए फिर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया। भाजपा सांसद जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा कि धारा 370 आजादी के बाद सबसे बड़ी गलती थी। नेहरू अगर जम्मू कश्मीर के विषय में दखल न देते तो ये बखेड़ा न होता और न ये बिल लाना पड़ता। उस वक्त भारत की सेनाएं मीरपुर तक पहुंच चुकी थीं। नेहरू ने मंत्रिमंडल को बगैर बताए सीजफायर का ऐलान कर दिया, नहीं तो पीओके भी आज भारत का हिस्सा होता। 

जितेंद्र सिंह ने कहा,  ''जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर नेहरू ने अलग भूमिका निभाई होती और गृह मंत्री सरदार पटेल को मामले में दखल देनी दी होती तो आज कुछ और नतीजे होते। उन्होंने कहा कि पटेल ने ही जूनागढ़ और हैदराबाद मामले को डील किया था। लेकिन नेहरू का मानना था कि वे खुद जम्मू-कश्मीर को सरदार से ज्यादा जानते हैं। इसलिए उन्हें अलग रखा गया।''

बेरोजगारी अन्य राज्यों में भी लेकिन वहां आतंकवाद नहीं बढ़ा- जितेंद्र सिंह
जितेंद्र सिंह ने कहा, ''जम्मू कश्मीर की विधानसभा में शेख अब्दुल्ला ने कहा था कि धारा 370 को हटाया जा सकता है और 70 के दशक तक राय बन चुकी थी कि 370 को जाना चाहिए। क्योंकि उनके अपने हित इसमें निहित थे। कांग्रेस बताए कि 35ए और धारा 370 पर उसकी प्रतिबद्धता क्या है। कश्मीर के स्टेक होल्डर्स सिर्फ वो 3 नेता नहीं, बल्कि भारत की जनता भी है। हमारे लिए कश्मीरी पंडित और पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी भी स्टेक होल्डर हैं। अलगाव 370 हटाने से नहीं होगा बल्कि 370 के रहते हुआ है। बेरोजगारी अन्य राज्यों में भी लेकिन वहां आतंकवाद क्यों नहीं आया? इस 370 की वजह से पाकिस्तान को वहां दाखिल होने का मौका मिला और युवाओं में अलगाववाद को बढ़ावा मिला।''

'आज प्राश्यचित की घड़ी'
जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज प्राश्यचित की घड़ी है। विधाता को यही मंजूर था कि जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने और अमित शाह गृह मंत्री, तब इसे हटाया जाए। उन्होंने कहा- नरसिम्हा राव की सरकार एक प्रस्ताव लेकर आई। इसमें पीओके और जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग माना गया। हमने इसका समर्थन किया था। उन्होंने कहा- संवैधानिक दृष्टि से इस प्रस्ताव में कुछ भी गलत नहीं है

Share this article
click me!