9 दिसंबर को कांग्रेस छोड़कर AAP ज्वाइन करने वाले कांग्रेस के 2 पार्षद सहित तीन नेताओं की देर रात ही 'घर वापसी' हो गई। उनके पार्टी बदलने के बाद क्षेत्र के लोगों में गुस्सा फूट पड़ था। लोगों ने उनके पुतले फूंक डाले और नौबत उन्हें इलाके में न घुसने देने की तक आ पहुंची थी।
नई दिल्ली. 9 दिसंबर को कांग्रेस छोड़कर AAP ज्वाइन करने वाले कांग्रेस के 2 पार्षद सहित तीन नेताओं की देर रात ही 'घर वापसी' हो गई। उनके पार्टी बदलने के बाद क्षेत्र के लोगों में गुस्सा फूट पड़ था। लोगों ने उनके पुतले फूंक डाले और नौबत उन्हें इलाके में न घुसने देने की तक आ पहुंची थी। देर रात कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक प्रत्याशी अली मेहंदी ने एक वीडियो जारी करके अपनी गलती स्वीकार की। उन्होंने कहा कि वे राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता थे, हैं और रहेंगे। अली मेहंदी के अलावा दो पार्षदों की भी घर वापसी हो गई।
आम आदमी पार्टी में शामिल होने के कुछ घंटों बाद कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित पार्षद और पार्टी नेता अली मेहंदी कांग्रेस में लौट आए। सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए मेहंदी ने कहा कि उन्होंने AAP में शामिल होकर गलती की। वह कांग्रेस और राहुल गांधी के वफादार कार्यकर्ता हैं। वीडियो में मेहंदी ने कहा, "मैंने बहुत बड़ी गलती की है। मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूं और राहुल गांधी से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।"
वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने ट्वीट किया, "रात के दो बज रहे हैं और मुस्तफाबाद से कांग्रेस के सिंबल पर जीते हुए पार्षद की पार्टी में वापसी हो गई है। उन्हें धोखे से AAP में शामिल कर लिया गया। कुछ ही घंटों में उन्होंने अपनी गलती सुधार ली और अब फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।"
मेहंदी और दो पार्षद सबिला बेगम और नाजिया खातून शुक्रवार को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई थीं, जिससे MCD में AAP की सीटों की संख्या 136 हो गई थी।
जैसे ही मेहंदी और दो पार्षद AAP में शामिल हुए, मुस्तफाबाद के निवासियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर सामने आए विरोध के वीडियो में लोगों को मेहंदी के खिलाफ नारे लगाते और उनका पुतला फूंकते हुए देखा जा सकता है। दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष मुदित अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि AAP कांग्रेस के कुछ अन्य पार्षदों को भी 'लुभाने' की कोशिश कर रही है। कांग्रेस में अपनी वापसी की घोषणा करने के बाद मेहंदी ने कहा, "जिन क्षेत्रों से ये पार्षद (सबिला और नाजिया) जीते, वहां लोगों ने मुझे और मेरे पिता को वोट दिया न कि किसी विशेष पार्टी को। उन्होंने हम पर और हमारे काम पर विश्वास किया।"
उन्होंने कहा-"इसीलिए AAP ने हमसे संपर्क किया था। मेरी एकमात्र चिंता थी कि क्षेत्र में विकास कार्य किए जाएं। मेरे पिता इस क्षेत्र से बहुत लंबे समय तक विधायक रहे थे। लेकिन जब भाजपा ने विधानसभा सीट जीती, तो सभी विकास कार्य रुक गए।"
मेहंदी ने कहा कि AAP में शामिल होने का मूर्खतापूर्ण कदम इस उम्मीद में उठाया कि क्षेत्र में काम गति पकड़ेगा। उन्होंने कहा-"मैं भावुक हो गया। लेकिन AAP में शामिल होने के बाद मुझे एहसास हुआ कि वे विकास कार्यों के लिए धन मुहैया करा सकते हैं, लेकिन अल्पसंख्यक मुद्दों पर उनका रुख नहीं बदला। मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने मुझसे कहा कि हमारी लड़ाई केवल विकास के लिए नहीं है, बल्कि अस्तित्व के लिए भी है। मैं राहुल गांधी और कांग्रेस को नहीं छोड़ पाऊंगा।” उन्होंने दावा किया कि उनके AAP में शामिल होने के बाद जिन लोगों ने विरोध किया, वे एआईएमआईएम के कार्यकर्ता थे, जो निकाय चुनाव में अपनी पार्टी के करीब 8,000 मतों से हारने से निराश थे।
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