अयोध्या में राम मंदिर: सपा और AAP के जमीन खरीदी में घोटाले के आरोपों पर ट्रस्ट का जवाब-ये लोग गुमराह कर रहे

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन में सपा और फिर आम आदमी पार्टी(AAP) द्वारा घोटाले का आरोप लगाने से एक विवाद खड़ा हो गया है। इसमें कहा गया कि 2 करोड़ की जमीन के 18 करोड़ रुपए चुकाए गए। इस पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने जवाब दिया है। चंपत राय ने इसे जनता को गुमराह करने वाला आरोप बताया।

Asianet News Hindi | Published : Jun 14, 2021 4:43 AM IST / Updated: Jun 14 2021, 03:08 PM IST

नई दिल्ली. अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की जमीन में घोटाले के आरोपों से राजनीति गर्मा गई है। यह आरोप ऐसे वक्त में लगाया गया, जब उत्तर प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। पहले सपा नेता ने जमीन खरीद में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाया। इसके बाद आम आदमी पार्टी(AAP) के नेता संजय सिंह ने इन आरोपों को हवा दे दी। हालांकि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने अपना जवाब दिया है। ट्रस्ट ने इसे महज अफवाह बताया। 

सपा का आरोप-2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ मे खरीदी
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने आरोप लगाया है कि 2 करोड़ रुपए में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट के अंदर 18.50 करोड़ रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया। सपा नेता ने इसके दस्तावेज उपलब्ध कराते हुए मामले की जांच CBI से कराने को कहा है। इस मामले में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी भाजपा पर हमलावर हो गई है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा-भगवान राम का मंदिर बनाने के लिए चंदा देने वाले लोगों को साथ विश्वासघात किया जा रहा है।  रामजन्मभूमि ने 18.5 करोड़ रुपये की जो जमीन खरीदी वो उससे 5 मिनट पहले केवल 2 करोड़ रुपये में खरीदी गई। इस विवाद में भाजपा छोड़कर TMC में जा चुके यशवंत सिन्हा ने बयान दिया है कि इन्होंने राम को भी नहीं छोड़ा। मोदी हैं, तो मुमकिन है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरेजवाला ने कहा कि राम के नाम पर घोटाला हुआ है, प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं?

यह है पूरा मामला
सपा नेता का आरोप है कि सदर तहसील क्षेत्र के बाग बिजैसी में स्थित इस जमीन का क्षेत्रफल 12 हजार 80 वर्ग मीटर है। यह भूमि एक साधु रवि मोहन तिवारी के अलावा सुल्तान अंसारी नामक शख्स के नाम बैनामा हुई थी। सिर्फ 10 मिनट बाद इसी भूमि को ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के नाम 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया। बैनामा व रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18 मार्च, 2021 को कराया जाना बताया गया। इसमें ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र और नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह बने। 

आप और कांग्रेस भी हमलावर हुई
मामला सामने आने के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने मामल की जांच कराने की मांग की है। वहीं, आम आदमी के नेता संजय सिंह ने ट्वीट किया-ट्रस्ट ने कहा “वहां जमीन महंगी है”...झूठ पकड़ा गया जमीन की मालियत 5 करोड़ 80 लाख है, ये ज़मीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को 2 करोड़ में मिल जाती है, तो 5 मी. बाद ट्रस्ट को 18.5 करोड़ में क्यों मिली? क्या 5.50 लाख रु. प्रति सेकेंड ज़मीन महंगी हो सकती है? 

RamMandirScam pic.twitter.com/iDWsd7MC0H

 

ट्रस्ट ने बताया अफवाह
इस मामले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के चंपत राय ने जवाब दिया है। उन्होंने ट्वीट किया-राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित लोग ज़मीन ख़रीद के सम्बंध में समाज को गुमराह करने के लिए भ्रामक प्रचार कर रहे हैं।

pic.twitter.com/jfENrubyOp


शिवसेना भी मुखर हुई
शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि इस बारे में न्यास तथा अन्य नेताओं को स्पष्टीकरण देना चाहिए। राउत ने संवाददाताओं से कहा कि मंदिर निर्माण का मामला उनकी पार्टी और जनता के लिए आस्था का विषय है। उन्होंने कहा कि सुबह आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने उनसे बात की है और उन्होंने जो साक्ष्य दिए हैं, वे स्तब्ध करने वाले हैं।

राउत ने कहा, भगवान राम और राम मंदिर की लड़ाई हमारे लिए आस्था का विषय है। कुछ लोगों के लिए यह मामला राजनीतिक है। मंदिर निर्माण के लिए जो न्यास गठित किया गया उसे यह स्पष्ट करना चाहिए कि ये आरोप सही हैं या गलत। मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए थे। उन्हें भी इस बारे में बोलना चाहिए। राम मंदिर आस्था का विषय है। लोगों ने आस्था के चलते ही इसके लिए दान दिया। यहां तक कि शिवसेना ने भी न्यास को एक करोड़ रूपये का दान दिया।

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