AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर अपने गैजेट्स के लिए पहुंचे कोर्ट, पुलिस बोली-फॉरेंसिक लैब में हो रही जांच

पुलिस ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया है कि मोहम्मद जुबैर जांच में असहयोग कर रहा है। उसने पहले ही अपने परिवार के सदस्यों से यह कह दिया था कि अगर उसकी गिरफ्तारी होती है तो मोबाइल फोन व लैपटॉप सहित अन्य गैजेट्स के सारे डेटा डिलीट कर दे।

Dheerendra Gopal | Published : Sep 16, 2022 5:19 PM IST

नई दिल्ली। AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने पुलिस द्वारा जब्त गैजेट्स व डॉक्यूमेंट्स को वापस करने के लिए याचिका दायर की है। मोहम्म्द जुबैर की याचिका का दिल्ली पुलिस ने विरोध किया है। पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि जुबैर के गैजेट्स व डॉक्यूमेंट्स को रोहिणी में फोरेंसिक साइंस लैब में जांच के लिए भेजा गया था और जांच अभी जारी है। पुलिस ने कहा कि जांच के बाद जुबैर अपने गैजेट्स और डॉक्यूमेंट्स को रिलीज करने के लिए कोर्ट जा सकते हैं। इसी साल 27 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर के जब्त सामान वापस करने को लेकर पुलिस से जवाब मांगा था।

पुलिस ने लगाया असहयोग का आरोप

पुलिस ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया है कि मोहम्मद जुबैर जांच में असहयोग कर रहा है। उसने पहले ही अपने परिवार के सदस्यों से यह कह दिया था कि अगर उसकी गिरफ्तारी होती है तो मोबाइल फोन व लैपटॉप सहित अन्य गैजेट्स के सारे डेटा डिलीट कर दे। पुलिस ने जब इन गैजेट्स को जब्त किया तो उसके सारे डेटा डिलीट कर दिए गए थे। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि अब उस डेटा को रिकवर करने का काम चल रहा है।

जुबैर द्वारा डिलीट डेटा को रिकवर कराया जा रहा

पुलिस ने बताया कि AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के बेंगलुरू आवास से गैजेट्स जब्त किए गए थे। इन गैजेट्स से डिलीट किए गए डेटा को रिकवर करने के लिए लैब में लगातार काम चल रहा है। पुलिस ने बताया कि जुबैर ने 2018 में ट्वीट कर लोगों में नफरत फैलाने का काम किया था जिसकी वजह से समाज में शांति भंग हुई।

नफरत फैलाने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने किया था अरेस्ट

मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने 27 जून को गिरफ्तार किया था। उन हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट करने के अलावा विभिन्न समुदायों के बीच नफरत फैलाने के आरोप में कार्रवाई की गई थी। ट्वीटर पर कुछ पोस्ट्स करने पर दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज किया था। जुबैर पर आईपीसी की धारा -153 (ऐसे कृत्य जिससे माहौल बिगड़ने और उपद्रव होने की आशंका हो) और धारा-295 (किसी समाज द्वारा पवित्र मानी जाने वाली वस्तु का अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। 

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