
नई दिल्ली। टेक दुनिया में एक बड़ा बदलाव हुआ है। Apple ने अपने नए AI Vice President के तौर पर जाने-माने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्चर अमर सुब्रमण्य की एंट्री करा दी है। यह वही समय है जब Apple के मौजूदा AI Chief जॉन गियानंद्रिया ने 2026 में रिटायर होने का निर्णय लिया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अमर सुब्रमण्य को ही यह बड़ी जिम्मेदारी क्यों दी गई? आखिर उनकी ऐसी क्या खासियत है जिसने Apple को उन्हें चुनने पर मजबूर किया?
अमर सुब्रमण्य वो नाम है जिसने लगभग दो दशक दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों—Google, Microsoft और IBM—में काम करते हुए AI रिसर्च, मशीन लर्निंग और इंजीनियरिंग के कई बड़े प्रोजेक्ट्स लीड किए हैं। Apple के लिए यह अनुभव किसी सोने पर सुहागे जैसी स्थिति है। उन्होंने हाल ही में Microsoft में AI के कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट (CVP) के तौर पर काम किया और उससे पहले Google में 16 साल बिताए। Google छोड़ने से पहले वे Gemini Assistant और Bard/Gemini Apps के इंजीनियरिंग हेड थे।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि की बात करें तो उन्होंने बैंगलोर यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग और University of Washington से PhD की है।
1. क्या उनकी Google और Microsoft वाली एक्सपर्टीज़ Apple को आगे बढ़ा देगी?
AI रिसर्च, मशीन लर्निंग मॉडल्स और बड़े प्रोडक्ट्स को मार्केट में लॉन्च करने का अनुभव सुब्रमण्य को बाकी उम्मीदवारों से अलग करता है।
2. क्या Apple को एक भरोसेमंद टेक्नॉलॉजी लीडर की जरूरत थी?
हां। Apple को ऐसा AI चीफ चाहिए था जो तेजी से बदलती AI इंडस्ट्री में कंपनी को फिर से टॉप पर पहुंचा सके।
3. क्या Apple का ये फैसला OpenAI–Google कंपिटिशन का जवाब है?
लगता तो यही है। Apple पहले ही ChatGPT को Siri में जोड़ने का फैसला ले चुका है। अब उसे एक ऐसे लीडर की जरूरत थी जो Google-जैसे सिस्टम समझ सके और Microsoft-जैसी AI वैल्यू चेन को भी।
यह बड़ा सवाल है और इसे लेकर टेक दुनिया बेहद उत्सुक है। AI और ML में उनकी गहरी पकड़ Apple की अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी, जैसे Apple Intelligence, Siri 2.0 और ऑन-डिवाइस AI को पूरी तरह बदल सकती है। Apple ने 2025 में कहा था कि वह AI खर्च "काफी बढ़ा रहा है"। अब जब नया AI वाइस प्रेसिडेंट आ चुका है, इंडस्ट्री की निगाहें इस बात पर हैं कि Apple AI गेम को किस तरह रीडिफाइन करेगा।