
Indian Stealth Fighter: भारत ने अपनी वायु शक्ति (Air Power) को नई ऊंचाई देने की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) के Execution Model को मंजूरी दे दी है जो भारत का पहला स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट (5th Generation Stealth Fighter Jet) होगा। यह प्रोजेक्ट Aeronautical Development Agency (ADA) और निजी उद्योग साझेदारों के सहयोग से विकसित किया जाएगा।
पहली बार ऐसा हो रहा है कि लड़ाकू विमान निर्माण में निजी कंपनियों को भी Hindustan Aeronautics Limited (HAL) के समान अधिकार मिलेगा। अब कोई भी भारतीय कंपनी या कंसोर्टियम बोली लगा सकेगा, चाहे वह अकेले हो या किसी सार्वजनिक कंपनी के साथ मिलकर। यह एक निर्णायक मोड़ है जो Make in India Defence को नई धार देगा।
पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (से.नि.) ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा: यह निर्णय निजी उद्योग के प्रति विश्वास को दर्शाता है। यह भारत का सबसे उच्च स्तर का रक्षा प्रोजेक्ट होगा, जिसे अब उद्योग जगत संभालेगा। उन्होंने इसे निजी क्षेत्र के लिए खुद को साबित करने का सुनहरा मौका बताया।
AMCA में उन्नत स्टील्थ कोटिंग्स, आंतरिक हथियार खांचे (Internal Weapons Bay), आधुनिक AESA रडार, और Manned-Unmanned Teaming (MUM-T) टेक्नोलॉजी होंगे, जिसमें मानव चालित फाइटर जेट्स और ड्रोन मिलकर मिशन करेंगे। यह F-22, Su-57 और F-35 जैसे एडवांस जेट्स की तकनीकों की बराबरी करेगा।
फरवरी 2025 में Aero India Show में पहली बार AMCA का 1:1 स्केल मॉडल प्रदर्शित हुआ था। यह सिंगल-सीटर, ट्विन-इंजन फाइटर जेट होगा और 2035 तक इसके 120 विमान वायुसेना को मिलने की संभावना है।
AMCA की मंजूरी ऐसे समय पर आई है जब 7 मई को हुए Operation Sindoor ने भारत की एयर स्ट्राइक क्षमता को फिर से चर्चा में ला दिया। इस ऑपरेशन में भारतीय फाइटर जेट्स और ड्रोन ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने मिसाइलों और रॉकेटों से हमले किए जिन्हें भारत की Multi-Layered Air Defence System ने नाकाम कर दिया।
चीन ने पाकिस्तान को JF-17 और J-10 जैसे फाइटर जेट्स और HQ-9 जैसे एयर डिफेंस सिस्टम दिए हैं। अब खबरें हैं कि चीन जल्द पाकिस्तान को J-35 पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर भी देगा। ऐसे में AMCA भारत की जरूरत बन चुका है।
पूर्व वायुसेना प्रमुख ने कहा: आज की युद्ध स्थिति में सेंसर, लंबी दूरी के हथियार और स्टील्थ टेक्नोलॉजी बहुत अहम हैं। एक असुरक्षित और चुनौतीपूर्ण युद्धक्षेत्र में, स्टील्थ ही सफलता की कुंजी है।
भदौरिया ने समझाया कि पहले की तरह 300 मीटर की दूरी पर डॉगफाइट नहीं होती, अब Beyond Visual Range (BVR) मिसाइलों से 200 किलोमीटर दूर से टारगेट को खत्म किया जाता है। आज का पायलट सिर्फ विमान नहीं उड़ाता, वह ग्राउंड, सैटेलाइट और सेंसर से आ रहे डेटा को हैंडल करता है। यह टेक्नोलॉजी और नेटवर्किंग का युग है।
AMCA प्रोजेक्ट सिर्फ एक फाइटर जेट नहीं, बल्कि भारत की Atmanirbhar Bharat in Defence की सोच का प्रतिनिधित्व है। ऑपरेशन सिंदूर और चीन-पाक की जुगलबंदी के बीच, यह प्रोजेक्ट भारत के लिए एक जरूरी और दूरदर्शी रणनीतिक फैसला है।