गंगासागर मेला पश्चिम बंगाल में आयोजित होने वाले सबसे बड़े मेलों में से एक है। गंगा के सागर में मिलने के स्थान पर स्नान करना अत्यन्त शुभ व पवित्र माना जाता है। यहाँ पर यात्री व संन्यासी पूरे देश से आते हैं।
कोलकाता। कुंभ (Kumbh) के समान ही पश्चिम बंगाल (West Bengal) में लगने वाले गंगासागर मेले (Gangasagar Mela) पर रोक लगाने से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ इनकार कर दिया है। हालांकि, उन्होंने मेले में आने वाले श्रद्धालुओं से कोविड-19 प्रोटोकाल का पूर्ण रूप से पालन करने का अनुरोध किया है। मेला क्षेत्र में वैक्सीनेशन भी राज्य सरकार ने शुरू करा दिया है।
दरअसल, पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण (Corona Cases) के बढ़ते मामलों के बीच नए साल की शुरुआत में गंगासागर मेला है। बीजेपी नेता दिलीप घोष (BJP Dileep Ghosh) ने गंगासागर मेला के आयोजन पर राज्य सरकार से पुनर्विचार कर इस पर रोक लगाने को कहा था, लेकिन सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया है।
रोक लगाने की मांग पर विफरी सीएम ममता
गंगासागर मेले की तैयारियों का जायजा लेने गंगासागर पहुंचीं सीएम ममता बनर्जी, रोक लगाने के सवाल पर अपना आपा खो दिया और कहा, “आप केवल गंगासागर मेला में रूचि रखते हैं। उनको ( केंद्र सरकार) को कुंभ मेला के बारे में सोचना चाहिए था। क्या कुंभ मेला में रोक लगाई गई थी? गंगासागर जनता का मेला है।”
गंगासागर मेला पब्लिक का मेला है, प्रोटोकाल करें पालन
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि आप गंगासागर को लेकर इतने उत्साहित क्यों हैं? आपको गंगा के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। यह पब्लिक का मेला है। अगर जनता उत्तर प्रदेश, बिहार से आना चाहती है तो क्या हम इसे रोकेंगे? क्या मैं उन्हें रोक सकती हूं? क्या यह हमारे हाथ में है? हालांकि, जो लोग उत्तर प्रदेश, बिहार से आने की सोच रहे हैं, वे निश्चित रूप से बेहतर समझ के आएंगे। आप कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें।
मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि मैं नए साल के जश्न को कैसे रोक सकती हूं? नकारात्मकता न फैलाएं। कोविड 6-7 महीने का नहीं है। कई कोविड अस्पतालों को खाली कराया गया है, फिर से समीक्षा की जा रही है।
तैयारियों का जायजा लेने दो दिनों तक रहीं
गंगासागर मेला की तैयारियों की जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 29-30 दिसंबर को गंगासागर में थीं। गंगासागर से वापस आते समय पत्रकारों से बातचीत करते हुए कोविड स्थिति में मेले को लेकर सतर्क किया। ममता बनर्जी ने कहा कि संक्रमण बढ़ रहा है, सभी लोग प्रोटोकाल का पालन करें, मास्क पहनें और दूरी बनाए रखें, सैनिटाइजेशन का इस्तेमाल करेंद्ध हम समय-समय पर पूरी स्थिति की समीक्षा करेंगे।
गंगासागर मेले में शुरू हुआ वैक्सीनेशन, मास्क अनिवार्य
गंगासागर मेले में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने आ रहे श्रद्धालुओं के लिए वैक्सीनेशन भी शुरू करा दिया है। कपिल मुनि आश्रम के सामने अस्थाई टीकाकरण केंद्र खोल दिया गया है। यहां आने वालों को वैक्सीन डोज दी जा रही है। संतों का टीकाकरण किया जा रहा है। यहां दस लाख टीका का स्टॉक है। जिला प्रशासन ने मास्क अनिवार्य अनिवार्य कर दिया है।
हिंदू आस्था का प्रमुख मेला है गंगासागर मेला
गंगासागर मेला पश्चिम बंगाल में आयोजित होने वाले सबसे बड़े मेलों में से एक है। इस मेले का आयोजन कोलकाता के निकट हुगली नदी के तट पर ठीक उस स्थान पर किया जाता है, जहाँ पर गंगा बंगाल की खाड़ी में मिलती है। इसीलिए इस मेले का नाम गंगासागर मेला है। यह मेला विक्रमी संवत के अनुसार प्रतिवर्ष पौष मास के अन्तिम दिन लगता है। यह मकर संक्रान्ति (Makar Sankranti) का दिन होता है। गंगा के सागर में मिलने के स्थान पर स्नान करना अत्यन्त शुभ व पवित्र माना जाता है। स्नान यदि विशेष रूप से मकर संक्रान्ति के दिन किया जाए, तो उसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है।
मकर संक्रान्ति के दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस अवसर पर यह स्थान बड़े मेले का केन्द्र बन जाता है। यहाँ पर यात्री व संन्यासी पूरे देश से आते हैं। गंगा में स्नान कर ये लोग सूर्य देव को अर्ध्य देते हैं। मान्यतानुसार यह स्नान उन्हें पुण्य दान करता है। अच्छी फ़सल प्रदान करने के लिए धन्यवाद स्वरूप सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है। इस त्यौहार पर तिल व तेल का विशेष महत्व है, इसलिए लोग इस दिन चावल का ही विशेष भोजन करते हैं।
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