
Amit Shah on Jagdeep Dhankhar: अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “धनखड़ साहब का इस्तीफा अपने आप में स्पष्ट है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया और अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री, मंत्रियों और सरकार के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्हें किसी तरह का दबाव या नजरबंदी नहीं थी।”
विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में शाह ने कहा कि सच और झूठ की व्याख्या केवल विपक्ष के बयानों पर आधारित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले पर जरूरत से ज्यादा हंगामा नहीं होना चाहिए। शाह ने कहा, “जगदीप धनखड़ संवैधानिक पद पर थे और उन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन किया। उनका इस्तीफा निजी स्वास्थ्य कारणों से था।”
इससे पहले कांग्रेस समेत विपक्ष ने दावा किया था कि धनखड़ को अचानक इस्तीफा देने पर चुप कराया गया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के साथ उनके चुप रहने की बात सामने आई।
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जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने इस्तीफा पत्र में लिखा कि वे अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना चाहते हैं। उनके इस्तीफे के बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण ने उच्च सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता संभाली थी।