गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दिल्ली हिंसा को लेकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अपराधी चाहे किसी भी धर्म, जाति या पार्टी के हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्हें कानून के सामने लाया जाएगा।
नई दिल्ली. गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दिल्ली हिंसा को लेकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अपराधी चाहे किसी भी धर्म, जाति या पार्टी के हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्हें कानून के सामने लाया जाएगा। मैं सदन को और सदन के माध्यम से देश को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि दंगे करने वाले, दंगों के लिए षड्यंत्र करने वाले चाहे किसी धर्म के हो, किसी भी जाति के हो, उसे छोड़ा नहीं जाएगा।
- अमित शाह ने कहा, सीएए के बाद हेड स्पीच की शुरुआत हुई। लोगों को बहकाया गया। मुसलमान भाईयों को भटकाया गया। उन्होंने कपिल सिब्बल को इंगित करते हुए कहा, सिब्बल साहब। आप बता दीजिए। सीएए से किसी की नागरिकता जाएगी?
- मैं रिकॉर्ड में कहता हूं, एनपीआर में कोई डॉक्युमेंट नहीं मांगा जाएगा। इस देश में किसी को एनपीआर की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है।
- जज के ट्रांसफर पर अमित शाह ने विपक्ष से पूछा कि यह कैसी सोच है कि सिर्फ एक ही जज न्याय करेंगे? मैं तो इस मानसिकता का भी विरोधी हूं। एक जज क्यों? दूसरे जज पर भरोसा क्यों नहीं? बेतुकी बातें लोगों के सामने फैलाते हैं।
- दंगे कराना हमारी फितरत नहीं है। हमारी फितरत है कि दंगे करने वालों को खोज-खोजकर सजा दिलाना।
- हिंसा में 76% लोग कांग्रेस के शासनकाल में मारे गए हैं।
"25 फरवरी से शांति समितियों की बैठक बुलाई गई"
अमित शाह ने कहा, 25 फरवरी की सुबह से ही दिल्ली के हर थाने में शांति समितियों की बैठक बुलाना शुरू कर दी गई थी। 26 फरवरी तक 321 अमन समितियों की बैठक बुलाकर हमने सभी संप्रदाय के धर्म गुरुओं से, दंगे न फैले इसके लिए उनसे अपने प्रभाव का प्रयोग करने की विनती की थी।
"दंगों से 2 दिन पहले कुछ सोशल मीडिया अकाउंट शुरू हुए"
उन्होंने कहा, कुछ सोशल मीडिया अकाउंट ऐसे थे, जो दंगों से 2 दिन पहले शुरू हुए और 25 फरवरी की रात 12 बजे से पहले ही बंद हो गए और उनसे केवल दंगा, नफरत और घृणा फैलाने का काम किया गया है। अगर वो सोचते हैं कि हम बच गए तो वो गलत हैं। हम उन्हें पाताल से भी खोजकर निकालेंगे और सजा दिलाएंगे।
"प्राइवेट हथियार चलाने की घटना भी सामने आई"
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, दिल्ली में कई सारी घटनाओं में से निजी हथियार चलने की भी घटना आई है। ऐसे 49 मामले दर्ज किए गए हैं और 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दंगों में जो हथियार उपयोग हुए थें उनमें से लगभग सवा सौ हथियार जब्त कर लिए गए हैं।