PoK भी हमारा, वहां के नागरिक भी हमारे हैं; लोकसभा में अमित शाह

लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया। दिन भर चली चर्चा के बाद यह बिल लोकसभा में पास हो गया। बिल के समर्थन में 311 वोट पड़े। बिल के विरोध में 80 मत पड़े। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 9, 2019 7:05 PM IST

नई दिल्ली. लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया। दिन भर चली चर्चा के बाद यह बिल लोकसभा में पास हो गया। बिल के समर्थन में 311 वोट पड़े। बिल के विरोध में 80 मत पड़े। 

'पीओके हमारा है, वहां के लोग हमारे हैं'
इससे पहले विपक्ष के सवालों के जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, पीओके भी हमारा है, उसके नागरिक भी हमारे हैं और आज भी हम जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में 24 सीट इनके लिए आरक्षित रखते हैं। 

शाह ने बयान की खास बातें

- गृह मंत्री ने कहा, मैं फिर से इस सदन के माध्यम से पूरे देश के सामने स्पष्ट करना चाहता हूं कि घुसपैठिए और शरणार्थी में मौलिक अंतर है। जो धार्मिक प्रताड़ना के आधार पर अपने परिवार की सुरक्षा के लिए, अपने धर्म की रक्षा के लिए यहां आता है, जो शरणार्थी है और जो बिना परमिशन के घुस कर आता है वो घुसपैठिया है।


- शाह ने कहा कि वे कहते हैं कि मुसलमानों से नफरत क्यों हैं? मैं कहना चाहता हूं कि हमें कोई नफरत नहीं हैं, बस आप कोई नफरत मत खड़ी करना। इस बिल का भारत के नागरिक मुसलमानों से कोई लेना देना नहीं हैं।

- उन्होंने कहा, ओवेसी साहब ने कहा की NRC का बैकग्राउंड बना रहे हैं, NRC का कोई बैकग्राउंड बनाने की जरूरत ही नहीं हैं, हम इस पर बहुत साफ हैं कि इस देश में NRC लागू होकर रहेगा। हमारा घोषणापत्र ही इसका बैकग्राउंड है। 

- शाह ने कहा, मैं इस सदन को फिर से आश्वस्त करना चाहता हूं कि जब हम NRC लेकर आएंगे, एक भी घुसपैठिया इस देश के अंदर बच नहीं पाएगा। रोहिंग्याओं को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। ये मैं आज फिर कह रहा हूं

- गृह मंत्री ने कहा, कांग्रेस ऐसी सेक्युलर पार्टी, जो केरल में मुस्लिम लीग के और महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ है। 

- 'अभिषेक बनर्जी ने आज अपने वक्तव्य में टैगोर, विवेकानंद और बंकिम बाबू का नाम लिया। लेकिन बंकिम बाबू के समय ऐसे बंगाल की कल्पना थी क्या कि दुर्गा पूजा के लिए कोर्ट में जाना पड़े?'

- 'हमारी अल्पसंख्यकों की व्याख्या गलत नहीं है। ये पूरा विधेयक उन तीन देशों के अल्पसंख्यकों के लिए है। बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में जब इस्लाम राज धर्म है तो वहां मुस्लिम लोग अल्पसंख्यक नहीं होते।'

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