नागरिकता संशोधन विधेयक, ओवैसी ने सदन में बिल की कॉपी फाड़ी, कहा, यह विभाजन करने जैसा

Published : Dec 09, 2019, 08:54 PM ISTUpdated : Dec 09, 2019, 09:10 PM IST
नागरिकता संशोधन विधेयक, ओवैसी ने सदन में बिल की कॉपी फाड़ी, कहा, यह विभाजन करने जैसा

सार

लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया। इस बिल पर सदन में चर्चा हुई। इस दौरान एमआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सदन में बिल की कॉपी फाड़ दी।

नई दिल्ली. लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया। इस बिल पर सदन में चर्चा हुई। इस दौरान एमआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सदन में बिल की कॉपी फाड़ दी। ओवैसी लगातार इस बिल का विरोध कर रहे थे। 

ओवैसी ने कहा कि ये एक और बंटवारा होने जा रहा है। यह बिल संविधान के खिलाफ है। यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है। मैं ये बिल फाड़ रहा हूं क्यों कि इससे देश का बंटवारा किया जा रहा है। 

 

क्या है नागरिकता संशोधन विधेयक?
नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) को संक्षेप में CAB भी कहा जाता है। इस विधेयक में बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के 6 अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख) से जुड़ा है। इसके मुताबिक इन 3 देशों से आने वाले शरणार्थी अगर 6 (हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख) धर्मों के हैं तो उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी।

समयावधि 11 से घटाकर 6 साल की गई
संशोधित विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता मिलने की समयावधि घटाकर 11 साल से 6 साल की गई है। साथ ही 31 दिसंबर 2014 तक या उससे पहले आए गैर-मुस्लिमों को नागरिकता के लिए पात्र होंगे।

क्या है विरोध की बड़ी वजह?
इस बिल के प्रावधान के मुताबिक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले मुसलमानों को भारत की नागरिकता नहीं दी जाएगी। कांग्रेस समेत कई पार्टियां इसी आधार पर बिल का विरोध कर रही हैं। 

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