कर्नाटक: कृष्णा नदी में मिली भगवान विष्णु की प्राचीन मूर्ति, शिव लिंग, कल्याणी चालुक्य वंश से हो सकता है नाता

कर्नाटक के रायचूर में कृष्णा नदी के तल में खुदाई के दौरान भगवान विष्णु की प्राचीन मूर्ति और शिव लिंग मिली है। ये मूर्तियां 11वीं शताब्दी की हो सकती हैं।

 

Vivek Kumar | Published : Feb 7, 2024 7:28 AM IST / Updated: Feb 07 2024, 01:02 PM IST

बेंगलुरु। कर्नाटक के रायचूर शहर के शक्ति नगर के पास कृष्णा नदी के तल में खुदाई के दौरान दो प्राचीन मूर्तियां मिली हैं। एक भगवान विष्णु की मूर्ति और दूसरा शिव लिंग है। माना जा रहा है कि ये मूर्तियां 11वीं शताब्दी की हैं। इनका नाता कल्याणी चालुक्य वंश से हो सकता है।

रायचूर-तेलंगाना सीमा पर कृष्णा नदी पर पुल बनाने के लिए खुदाई की जा रही थी। इसी दौरान दोनों मूर्तियां मिली। पुल निर्माण कर रहे कर्मचारियों की नजर कलाकृतियों पर पड़ी। इसके बाद मूर्तियों को नदी से सुरक्षित निकाला गया और स्थानीय प्रशासन को बताया गया। दोनों मूर्तियों को पुरातत्व विभाग को सौंपा गया है ताकि इनका संरक्षण और अध्ययन किया जा सके।

रायचूर में किया गया था मंदिरों का विनाश

रायचूर की इतिहासकार पद्मजा देसाई बताया है कि संभव है इन मूर्तियों को मंदिरों के विनाश के दौरान त्याग दिया गया होगा। इस क्षेत्र पर शासन करने वाले कई शाही परिवारों के बीच युद्ध हुए हैं। इस दौरान मंदिरों को नष्ट किया गया। रायचूर में 163 से अधिक लड़ाइयां हुईं हैं। इस इलाके में बहुमनी सुल्तानों और आदिल शाहियों का शासनकाल रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में मंदिरों का विनाश किया गया था।

 

 

स्थानीय लोगों ने की मूर्ति की पूजा

मू्र्तियों को हरी मिश्रित चट्टान से बनाया गया है। कल्याणी चालुक्य वंश द्वारा इस खास सामग्री से मूर्तयों को बनाया जाता था। इससे संभावना जताई जा रही है कि मूर्तियों का नाता कल्याणी चालुक्य वंश से हो सकता है। जब स्थानीय लोगों को पता चला कि नदी से भगवान की प्राचीन मूर्ति निकली तो वे देखने के लिए आने लगे। लोगों ने नदी के पानी से मूर्तियों की सफाई की। इसके बाद पूजा की गई।

पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने मूर्तियों का निरीक्षण किया। इन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है। पुरातत्व विभाग द्वारा इन सदियों पुरानी कलाकृतियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

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