आंध्र प्रदेश : रेलवे स्टेशन में पति के सामने गर्भवती महिला का अपहरण, गैंगरेप कर झाड़ियों में फेंक गए आरोपी

आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती से 80 किमी दूर एक रेलवे स्टेशन में एक महिला को अगवा कर गैंगरेप की वारदात सामने आई है। यह घटना रेलवे स्टेशन पर हुई। पीड़ित महिला का पति स्टेशन पर पुलिस को खोजता रहा, लेकिन पुलिस नहीं मिली। इस घटना ने आंध्र प्रदेश में महिला सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।  

Asianet News Hindi | Published : May 2, 2022 7:32 AM IST

हैदराबाद। आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के बापटला जिले में रेलवे स्टेशन (Woman Kidnapped In Front Of Family) के पास अपने पति और तीन बच्चों के साथ रात  में ट्रेन का इंतजार कर रही एक गर्भवती महिला का तीन लोगों ने अपहरण कर लिया। आरोपियों ने महिला का उसके पति के सामने ही गैंगरेप किया। (Woman Gangraped by three persons) विरोध करने पर आरोपियों ने महिलों के पति को बुरी तरह से पीटा। इसके बाद किसी तरह उसके पति ने शोर मचाया और रेलवे पुलिस से मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन वह पुलिस तक नहीं पहुंच सका। गैंगरेप के बाद आरोपी महिला और उसके पति को छोड़कर भाग निकले। महिला को एक अस्पताल में दाखिल कराया गया है। पुलिस ने इस मामले में एक किशोर समेत तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

काम की तलाश में निकला था परिवार
यह परिवार मजदूरी करता है। बताया जाता है कि घटना शनिवार और रविवार की दरमियानी रात की है जब परिवार काम की तलाश में गुंटूर से कृष्णा जिले की ओर जा रहा था। परिवार प्रकाशम जिले का रहने वाला है। महिला के पति ने बताया कि शनिवार की रात दंपति और तीन बच्चे रेलवे स्टेशन पर बेंच पर सो रहे थे, तभी नशे में धुत तीन लोगों ने उन्हें जमाया। महिला के पति के मुताबिक तीनों लोग नशे में धुत थे। इन्होंने सबसे पहले महिला के पति पर हमला किया। महिला ने विरोध किया तो तीनों महिला को खींचकर स्टेशन के एक तरफ ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया। यह घटना आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती से 80 किमी दूर हुई। महिला का पति पत्नी को बचाने के लिए रेलवे पुलिस के पास पहुंचा, लेकिन रेलवे पुलिस के थाने पर कोई अधिकारी नहीं मिला। बाद में महिला पास की झाड़ियों में मिली। उसे मेडिकल जांच और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

महिला सुरक्षा के दावे हवा-हवाई
आंध्र प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर सरकार तमाम दावे कर रही है। यहां महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिशा योजना के तहत फास्ट ट्रैक जांच, मुकदमे और दोषसिद्धि के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई गई हैं। लेकिन रेलवे स्टेशन जैसी जगहों पर हो रही ऐसी घटनाओं के बाद थाने में अधिकारी का न मिलना बताता है कि जिम्मेदार लापरवाही बरत रहे हैं और इनकी कहीं मॉनीटरिंग नहीं हो रही। 

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