कृषि कानूनों पर विवाद को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 4 सदस्यों की समिति का गठन किया है। प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि चारो सदस्य कृषि कानूनों के समर्थक हैं। सदस्यों में से एक अनिल घनवंत ने जवाब में कहा, यह कमेटी नए कृषि कानूनों पर किसानों की शिकायतों और सरकार का राय जानेगी और उसी आधार पर अपनी सिफारिशें देगी।
नई दिल्ली. कृषि कानूनों पर विवाद को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 4 सदस्यों की समिति का गठन किया है। प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि चारो सदस्य कृषि कानूनों के समर्थक हैं। सदस्यों में से एक अनिल घनवंत ने जवाब में कहा, यह कमेटी नए कृषि कानूनों पर किसानों की शिकायतों और सरकार का राय जानेगी और उसी आधार पर अपनी सिफारिशें देगी।
किसानों की गलतफहमी दूर करेंगे
अनिल घनवंत ने कहा, सबसे पहले किसानों की बात सुनेंगे। अगर उनकी कोई गलत फहमी है तो वो दूर करेंगे। किसानों को विश्वास दिलाना पड़ेगा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और एपीएमसी कायम रहेगा। जो होगा वह पूरे देश के किसानों के हित में होगा।
निजी कुछ नहीं, सरकार तय करेगी
उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट जो निर्देश देगा, उसी के दायरे में रहकर जमीनी हकीकत जानी जाएगी। यहां निजी कुछ नहीं है। सरकार तय करेगी कि आगे क्या करना है?
"मैंने तीनों कानूनों का समर्थन नहीं किया"
उन्होंने कहा, मैंने तीनों कानूनों का समर्थन नहीं किया। कानून को लेकर हमने कई ऑब्जेक्शन किए थे। हमारा संगठन पिछले 40 साल से लड़ रहा है। उसे आजादी चाहिए। व्यापार की आजादी। टेक्नोलॉजी की आजादी। सरकार ने जो कदम उठाए हैं वे किसानों के पांव की बेड़िां तोड़ने की कोशिश की है।
समिति में शामिल 4 लोग कौन-कौन?
समिति के सदस्यों में भारतीय किसान यूनियन के प्रेसिडेंट भूपेंद्र सिंह मान, शेतकारी संगठन के अनिल घनवंत, कृषि वैज्ञानिक अशोक गुलाटी और अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के प्रमोद के जोशी हैं।