जिस कमेटी को प्रो-गवर्नमेंट कहा जा रहा, उसमें भूपेंद्र मान का भी नाम; 2019 में किया था कांग्रेस का समर्थन

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। इसी के साथ कोर्ट ने किसानों के मुद्दों को निपटाने के लिए चार सदस्यों की एक कमेटी भी बनाई है। इस कमेटी में भूपेंद्र सिंह मान (प्रेसिडेंट, भारतीय किसान यूनियन), डॉ. प्रमोद कुमार जोशी (इंटरनेशनल पॉलिसी हेड) , अशोक गुलाटी (एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट) और अनिल धनवत (शेतकरी संगठन, महाराष्ट्र) लोग शामिल हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 12, 2021 3:20 PM IST / Updated: Jan 12 2021, 08:55 PM IST

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। इसी के साथ कोर्ट ने किसानों के मुद्दों को निपटाने के लिए चार सदस्यों की एक कमेटी भी बनाई है। इस कमेटी में भूपेंद्र सिंह मान (प्रेसिडेंट, भारतीय किसान यूनियन), डॉ. प्रमोद कुमार जोशी (इंटरनेशनल पॉलिसी हेड) , अशोक गुलाटी (एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट) और अनिल धनवत (शेतकरी संगठन, महाराष्ट्र) लोग शामिल हैं। 

अब किसान संगठन इस कमेटी पर प्रो-गवर्नमेंट होने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने भी कमेटी पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि कमेटी में शामिल 4 लोगों ने सार्वजनिक तौर पर पहले से ही निर्णय कर रखा है कि ये काले कानून सही हैं और कह दिया है कि किसान भटके हुए हैं। ऐसी कमेटी किसानों के साथ न्याय कैसे करेगी?

भूपेंद्र सिंह मान ने खुलकर किया था कांग्रेस का समर्थन
किसान संगठन और कांग्रेस जिस कमेटी को प्रो प्रो-गवर्नमेंट बता रहे हैं, उसमें भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मान का नाम भी शामिल है। खास बात ये है कि भूपेंद्र सिंह मान खुले तौर पर कांग्रेस के समर्थक माने जाते हैं। यहां तक की 2019 लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के समर्थन में तमाम रैलियां और कार्यक्रम भी कराए थे। यहां तक की उन्होंने भाजपा और कांग्रेस के घोषणापत्र की तुलना कर कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही थी।

 


कौन हैं भूपेंद्र सिंह मान ?
15 सितंबर 1939 को गुजरांवाला (अब पाकिस्तान में) में पैदा हुए सरदार भूपिंदर सिंह मान को किसानों के संघर्ष में योगदान के लिए भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा 1990 में राज्यसभा में नामांकित किया गया था। उन्होंने 1990-1996 तक सेवा की। उनके पिता एस अनूप सिंह इलाके के एक प्रमुख जमींदार थे।

 

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