किसानों के समर्थन में आए अन्ना हजारे, बोले- 'बात सुने सरकार वो कोई पाकिस्तानी नहीं हैं'

किसान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में सिंधु बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने बातचीत करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे किसान संगठनों ने ठुकरा दिया है। किसान संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 29, 2020 10:15 AM IST

नई दिल्ली. किसान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में सिंधु बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने बातचीत करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे किसान संगठनों ने ठुकरा दिया है। किसान संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। किसान अब दिल्ली-हरियाणा के सिंधु बॉर्डर से बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान नहीं जाएंगे। किसानों ने कहा है कि उनका प्रदर्शन सिंधु बॉर्डर पर ही जारी रहेगा। इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किसानों का समर्थन किया है।

किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं: अन्ना हजारे 

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अन्ना हजारे ने कहा कि 'वो किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं।' उन्होंने आगे कहा कि 'किसान और सरकार की स्थिति भारत पाकिस्तान की तरह हो गई है।' अन्ना हजारे ने कहा कि 'जिस तरह चुनाव के समय आप (नेता) किसानों के घर-खेतों में वोट मांगने के लिए जाते हो उसी तरह अब उनकी समस्या पर बात करो।'

अन्ना हजारे ने कहा कि 'किसान आज अंहिसा के मार्ग पर चलकर आंदोलन कर रहे हैं। कल किसान जब हिंसा करने पर उतर जाएंगे तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। किसान पाकिस्तानी नहीं हैं। सरकार उनसे चर्चा करे। अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि किसान इतने दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, जो किसान आंदोलन कर रहे हैं, वो पाकिस्तान के नहीं हैं। हमारे देश के हैं। चुनाव के समय आप (नेता) वोट मांगने उनके खेत और घर तक गए। अब किसानों के मसले को सुलझाइए।'

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किसानों पर पानी के फव्वारे बरछाने की अन्ना हजारे ने की निंदा

अन्ना हजारे ने कहा कि किसानों पर पानी के फव्वारे से वार किया गया ये ठीक नहीं है। आज जो किसानों के साथ हो रहा है, वो हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच संघर्ष जैसा बन गया है। किसान देश का दुश्मन नहीं है, इसलिए इस आंदोलन को सुलझाना जरूरी है। सरकार को किसानों के साथ बैठककर मसले को सुलझाना चाहिए।
 

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