मुंबई स्लम में रहने वाले 57% लोगों को पता भी नहीं चला कि उन्हें कोरोना हुआ था, एंटीबॉडी डेवलप

Published : Jul 29, 2020, 01:13 PM ISTUpdated : Jul 29, 2020, 01:15 PM IST
मुंबई स्लम में रहने वाले 57% लोगों को पता भी नहीं चला कि उन्हें कोरोना हुआ था, एंटीबॉडी डेवलप

सार

दिल्ली के बाद मुंबई में भी सोरी सर्वे हुआ, जिसके मुताबिक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। मुंबई के स्लम एरिया में रहने वाले 57 प्रतिशत लोगों के शरीर में एंटीबॉडी डेवलेप हो गए हैं। यानी मुंबई स्लम में रहने वाले 57 प्रतिशत लोगों को संक्रमण हुआ, लेकिन उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगी।

नई दिल्ली. दिल्ली के बाद मुंबई में भी सोरी सर्वे हुआ, जिसके मुताबिक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। मुंबई के स्लम एरिया में रहने वाले 57 प्रतिशत लोगों के शरीर में एंटीबॉडी डेवलेप हो गए हैं। यानी मुंबई स्लम में रहने वाले 57 प्रतिशत लोगों को संक्रमण हुआ, लेकिन उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगी। 

आंकड़ों से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित
मुंबई में हुए सीरो सर्वे से पता चलता है कि कोरोना संक्रमित लोगों के जो आधिकारिक आंकड़े आ रहे हैं, उससे पहले ही कहीं ज्यादा लोग संक्रमित हुए और अपने आप ठीक भी हो गए।  

बिना लक्षण वाले संक्रमण पीड़ितों की संख्या ज्यादा
मुंबई में जुलाई महीने के पहले 15 दिन में तीन वार्ड आर नॉर्थ, एम वेस्ट, एफ नॉर्थ के झुग्गी बस्ती में रहने वालों और झुग्गी से अलग इलाकों में रनहे वालों के 6936 नमूने लिए गए। इससे पता चला कि शहर में बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है। 

हर्ड इम्युनिटी को लेकर दोबारा जांच
बीएमसी ने बताया, सर्वे से हर्ड इम्युनिटी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिली है। इस संबंध में दूसरा सर्वे होगा, जो बताएगा कि वायरस के प्रसार और हर्ड इन्युनिटी विकसित हुई या नहीं।  

हर्ड इम्युनिटी क्या होती है?
हर्ड इम्युनिटी एक प्रक्रिया है। इसमें लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। वह चाहे वायरस के संपर्क में आने से हो या फिर वैक्सीन से। अगर कुल जनसंख्या के 75 प्रतिशत लोगों में यह प्रतिरक्षक क्षमता विकसित हो जाती है तो हर्ड इम्युनिटी माना जाता है। 

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