भारत में पहले राफेल को इस जांबाज पायलट ने कराया लैंड, 12 साल पहले धमाके के बावजूद कराई थी मिग की लैंडिंग

फ्रांस से 7 हजार किमी का सफर तय कर बुधवार को 5 राफेल भारत पहुंचे। सभी राफेल विमानों ने अंबाला एयरबेस पर लैंडिंग की। 5 विमानों में सबसे पहले विमान 17वीं गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह ने लैंड करवाया।

Asianet News Hindi | Published : Jul 29, 2020 5:41 AM IST / Updated: Jul 29 2020, 03:40 PM IST

नई दिल्ली. फ्रांस से 7 हजार किमी का सफर तय कर बुधवार को 5 राफेल भारत पहुंचे। सभी राफेल विमानों ने अंबाला एयरबेस पर लैंडिंग की। 5 विमानों में सबसे पहले विमान 17वीं गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह ने लैंड करवाया। इसके बाद एक एक कर चार राफेल विमानों ने लैंडिंग की। हरकीरत सिंह शौर्य चक्र विजेता हैं। वे भारतीय वायुसेना के जांबाज पायलट हैं। उन्होंने 12 साल पहले मिग -21 की भी सुरक्षित लैंडिंग कराई थी।

23 सितंबर 2008 में हरकीरत सिंह स्क्वाड्रन लीडर थे। वे रात में राजस्थान के एक एयरबेस से मिग-21 बाइसन से अभ्यास कर रहे थे। 4 किमी की ऊंचाई पर पहुंचने पर उन्हें धमाके की आवाज सुनाई दी। इसके बाद इंजन बंद हो गया और कॉकपिट में अंधेरा छा गया। हरकीरत ने इमरजेंसी लाइट जलाकर किसी तरह से आग पर काबू पाया।

रात में सुरक्षित कराई लैंडिंग
इसके बाद उन्होंने दोबारा इंजन स्टार्ट किया। इस दौरान वे धैर्य बनाए रहे। हरकीरत चाहते तो विमान से खुद को इजेक्ट कर सकते थे। लेकिन उन्होंने विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराना ज्यादा जरूरी समझा। उन्होंने इंजन चालू कर  ग्राउंड कंट्रोल की मदद से नेविगेशन सिस्टम के जरिए रात में लैंडिंग की। किसी भी पायलट के लिए इस तरह लैंडिंग को आसान नहीं माना जाता। इस तरह से उन्होंने मिग को सुरक्षित लैंड करवाया। 

सुरक्षित लैंडिंग के लिए मिला सम्मान
मिग 21 की सुरक्षित लैंडिंग के लिए हरकीरत को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। हरकीरत के पिता निर्मल सिंह ले. कर्नल रहे हैं। उनकी पत्नी अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर ही विंग कमांडर हैं। मौजूदा वक्त में वे ग्राउंड ड्यूटी पर तैनात हैं।

इलाके में धारा 144 लागू
सुरक्षा को देखते हुए अंबाला में धारा 144 लागू कर दी है। इसके अलावा मीडिया को भी एयरबेस के अंदर आने से मना किया गया है। इस क्षेत्र में फोटोग्राफी और वीडियो ग्राफी पर भी रोक लगाई गई है। बेस कैंप के 3 किमी के आसपास ड्रोन से नजर रखी जा रही है। इसके अलावा एयरबेस के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस भी तैनात की गई है।

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