मनसुख हिरेन हत्याकांड की गुत्थी को NIA सुलझाने के करीब पहुंच चुकी है। एक अधिकारी का दावा है कि मनसुख हिरेन की हत्या में जिस कार का इस्तेमाल किया गया था, उस गाड़ी के पीछे सचिन वझे की गाड़ी को भी देखा गया है।
मुंबई। मनसुख हिरेन हत्याकांड की गुत्थी को NIA सुलझाने के करीब पहुंच चुकी है। एक अधिकारी का दावा है कि मनसुख हिरेन की हत्या में जिस कार का इस्तेमाल किया गया था, उस गाड़ी के पीछे सचिन वझे की गाड़ी को भी देखा गया है।
नवम्बर महीने में चोरी हुई थी हत्याकांड में इस्तेमाल कार
ठाणे के बिजनेसमैन मनसुख हिरेन की हत्या में इस्तेमाल गाड़ी इको कार थी। यह कार बीते साल नवम्बर में औरंगाबाद से चोरी गई थी। एटीएस के एक अधिकारी का मानना है कि वारदात को अंजाम देने के बाद संभव है कार को कहीं क्रश कर दिया गया हो।
सीसीटीवी फुटेज में वझे की कार के आगे इको देखी गई
जिस दिन मनसुख हिरेन का शव मिला उसके एक दिन पहले सीसीटीवी फुटेज में एक इको कार देखी गई है। इको कार के पीछे एक दूसरी कार थी जिसे बताया जा रहा है कि सचिन वझे चला रहा था। हालांकि, 5 मार्च को हिरेन का शव रेती की खाड़ी में मिला लेकिन गाड़ी नहीं मिल सकी है। गाड़ी का एक नंबर प्लेट मीठी नदी से बरामद हो गया है।
नंबर प्लेट से असली कार मालिक पहुंचा थाने
मीठी नदी में कार का नंबर प्लेट मिलने के बाद इस गाड़ी का असली मालिक थाने पहुंचा। उसने गाड़ी के बारे में बताया कि 16 नवम्बर 2020 को चोरी हो गई थी। इसका बाकायदा एफआईआर भी दर्ज उसने कराया था। फिलहाल गाड़ी को एनआईए व एटीएस खोजने में लगी है।
एंटीलिया के पास विस्फोटक मिलने के बाद हुई थी एक हत्या
मुकेश अंबानी के एंटीलिया के पास विस्फोटकों से भरी एक स्कार्पियो गाड़ी 25 फरवरी को मिली थी। रात के एक बजे खड़ी की गई इस गाड़ी पर पुलिस की नजर अगले दिन दोपहर में पड़ी। तलाशी लेने पर इसमें 20 जिलेटिन राॅड बरामद हुए। जांच पड़ताल शुरू हुई तो इसी बीच 5 मार्च को स्कार्पियो मालिक बिजनेसमैन मनसुख हिरेन का शव खाड़ी में मिला।
एटीएस ने बिजनेसमैन मनसुख हिरेन की हत्या का केस भी दर्ज कर जांच शुरु किया तो सचिन वझे को संदिग्ध के रुप में गिरफ्तार किया। हालांकि, एनआईए के पास जबसे यह केस आया है तबसे पांच लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। इसमें एपीआई सचिन वझे, सिपाही विनायक शिंदे, क्रिकेट बुकी नरेश गोरे, एपीआई रियाज काजी व वझे की एक महिला सहयोगी/मित्र।