बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की जा रही रेमेडिसविर दवा के उत्पादन को बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 12-13 मार्च को रेमेडिसविर दवा की उपलब्धता पर इसके निर्माताओं के साथ बैठक हुई। इस बैठक में दवा के उत्पादन को बढ़ाने और कम दामों पर सप्लाई करने के निर्णय लिए गए।
नई दिल्ली. बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की जा रही रेमेडिसविर दवा के उत्पादन को बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 12-13 मार्च को रेमेडिसविर दवा की उपलब्धता पर इसके निर्माताओं के साथ बैठक हुई। इस बैठक में दवा के उत्पादन को बढ़ाने और कम दामों पर सप्लाई करने के निर्णय लिए गए।
कोरोना के बढ़ते हुए मामलों के बीच रेमेडिसविर को रामबाण बताया जा रहा है। कोरोना से संक्रमित होने के बाद इलाज के दौरान रेमेडिसविर का इस्तेमाल किया जाता है। यह काफी हद तक असरदार साबित हुई है। हालांकि, देश के तमाम हिस्सों से दवा की कमी की खबरें भी सामने आई हैं। वहीं, कुछ शहरों से दवा की कालाबाजारी की शिकायत भी सामने आई है।
कम हो सकती है दवा की कीमत
रसायन और उर्वरक मंत्रालय के मुताबिक, रेमेडिसविर के निर्माताओं ने इस सप्ताह के अंत तक दवा की कीमत 3500 रूपए से कम करने की इच्छा जताई है। इतना ही नहीं मंत्रालय ने कहा, राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण दवा की उपलब्धता पर नजर बनाए हुए है।
अभी 7 कंपनियां बना रहीं दवा
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत सरकार ने रेमेडिसविर दवा के उत्पादन, आपूर्ति को बढ़ाने और कीमतों को कम करने का फैसला किया है। मंत्रालय के मुताबिक, देश में इस वक्त रेमेडिसविर के कुल 7 मैन्यूफेक्चरर्स हैं। अभी एक महीने में 38.80 लाख इंजेक्शन का उत्पादन होता है। 6 और कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी दी गई है। इससे 10 लाख इंजेक्शन हर महीने और बनाए जा सकेंगे। इसके अलावा, हर महीने 30 लाख डोज और बनाए जाने की तैयारियां अंतिम दौर में हैं।