ड्रोन से हमले की हर स्तर पर साजिश रची जाएगी लेकिन हमारी सेना सबसे निपटने में सक्षम: आर्मी चीफ

ड्रोन से रविवार की तड़के भारतीय वायुसेना स्टेशन पर दो बम गिराए गए, जिससे दो वायुसैनिकों को मामूली चोटें आईं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 1, 2021 10:38 AM IST / Updated: Jul 01 2021, 07:27 PM IST

नई दिल्ली। इंडियन आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना वेपनाइज्ड ड्रोन के खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने की क्षमता विकसित कर रही है। 
सेना प्रमुख गुरुवार को ‘थिंक टैंक’ के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। हालिया जम्मू एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले पर उभर कर आई आशंकाओं पर सेना की तैयारियों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमने कुछ उपाय किए हैं। निगरानी तंत्र को और मजबूत किया गया है। हालांकि, ड्रोन की आसान उपलब्धता निश्चित रूप से सुरक्षा बलों के लिए जटिलता और चुनौतियां बढ़ा रही हैं। लेकिन एक बात को लेकर सबको आश्वस्त होने की जरूरत है कि जम्मू-कश्मीर में मजबूत आतंकवाद रोधी और घुसपैठ रोधी ग्रिड मौजूद है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए ड्रोन तैनात करने का यह पहला हमला था। रविवार की तड़के भारतीय वायुसेना स्टेशन पर दो बम गिराए गए, जिससे दो वायुसैनिकों को मामूली चोटें आईं। विस्फोट एक दूसरे के छह मिनट के भीतर 1.40 बजे के आसपास हुए। पहला धमाका जम्मू के बाहरी इलाके सतवारी में भारतीय वायुसेना द्वारा संचालित हवाई अड्डे के तकनीकी क्षेत्र में एक मंजिला इमारत की छत से हुआ। दूसरा जमीन पर हुआ था। उन्होंने कहा कि जम्मू हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक की हवाई दूरी 14 किमी है।

जनरल नरवणे ने किया दावा-एलओसी पर कोई घुसपैठ नहीं

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जनरल नरवणे ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौता होने के बाद से नियंत्रण रेखा पर कोई घुसपैठ नहीं हुई है। फरवरी 2021 में भारत और पाकिस्तान ने 2003 में हुए संघर्ष विराम समझौते का पालन करने पर सहमत हुए थे।
बता दें कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच हॉटलाइन वार्ता के बाद फरवरी 2021 में जम्मू-कश्मीर में 778 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा (एलओसी) और 198 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर संघर्ष विराम लागू हुआ। दोनों पक्षों ने एक संयुक्त बयान भी जारी किया था। भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने के बाद पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया।
हालांकि, यह पहली बार नहीं था कि भारत और पाकिस्तान नवंबर 2003 के युद्धविराम समझौते का सम्मान करने के लिए सहमत हुए और सीजफायर का उल्लंघन हुआ हो। एक समान समझौता, मई 2018 में दो डीजीएमओ के बीच हुआ था लेकिन सीमा पार शत्रुता में वृद्धि के साथ यह धीरे-धीरे यह खत्म हो गया। 2018 में पाकिस्तान ने 2,140 संघर्ष विराम उल्लंघन किए तो 2019 में यह संख्या बढ़कर 3,479 हो गई। 

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