गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में सेना के जवानों की सूझबूझ ने 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 18 महीने के मासूमी की जान बचा ली। बच्चा खेलते हुए बोरवेल में गिर गया था। आर्मी के जवानों ने 40 मिनट चले रेस्क्यू ऑपरेशन में बच्चे को सकुशल बाहर निकाल लिया। इस रेस्क्यू का वीडियो सामने आया है।
सुरेंद्रनगर, गुजरात. कहावत है कि जिसकी जितनी जिंदगी लिखी है, उतनी तो वो जीएगा, फिर मौत कितना भी चंगुल फैलाए। ऐसा ही हैरान करने वाला मामला गुजरात के सुरेंद्र नगर जिले के ध्रंगध्रा तालुका के दूदापुर गांव की है। सेना के जवानों की सूझबूझ ने 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 18 महीने के मासूमी की जान बचा ली। बच्चा खेलते हुए बोरवेल में गिर गया था। आर्मी के जवानों ने 40 मिनट चले रेस्क्यू ऑपरेशन में बच्चे को सकुशल बाहर निकाल लिया। इस रेस्क्यू का वीडियो सामने आया है।
बोरवेल में 25-30 फीट नीचे फंसा था बच्चा
घटना मंगलवार रात करीब 8 बजे की। डेढ़ साल साल शिवम खेलते हुए बोरवेल में गिर गया था इसी खेत में शिवम के माता-पिता मजदूरी करते हैं। जब उन्हें शिवम नहीं दिखा, तो उन्होंने यहां-वहां ढूंढ़ना शुरू किया। तभी उन्हें बोरवेल के अंदर से रोने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने गांववालों को बुलाया। लोगों ने बिना कोई देरी किए प्रशासन और पुलिस को इसकी खबर दी।
(रेस्क्यू के बारे में बताते गुजरात पुलिस के अधिकारी)
बच्चे के बोरवेल में गिरने की घटना को प्रशासन ने गंभीरता से लिया और कुछ ही देर में पुलिस, अहमदाबाद नगर निगम के अलावा जिला प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए। जिला प्रशासन ने रेस्क्यू के लिए सेना की मदद मांगी गई। सेना के जवान मौके पर पहुंचे। बच्चा बोरवेल में करीब 25-30 फीट पर फंसा है। आर्मी ने सूझबूझ से रेस्क्यू किया और करीब 40 मिनट में शिव को बोरवेल से बाहर निकाल लिया। यह रेस्क्यू रात 10.45 बजे खत्म हुआ। बच्चे को एंबुलेंस से फौरन अस्पताल ले जाया गया। बच्चे की हालत ठीक है।
जरा-सी देर होती तो मुश्किल में आ जाती नन्हीं जान
स्थानीय अधिकारी एम पी पटेल ने मीडिया को बताया कि रेस्क्यू के बाद शिवम को पहले ध्रंगध्रा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। वहां से उसे बेहतर इलाज के लिए सुरेंद्रनगर के सरकारी अस्पताल रैफर कर दिया गया। हालांकि उन्होंने कहा कि बच्चे की हालत अब स्थिर है। इस बीच शिवम को बोरवेल से निकालने का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया और मीडिया पर वायरल हुआ, लोग भारतीय सेना की प्रशंसा करने लगे। देश में पहले भी ऐसे कई हादसे सामने आते रहे हैं। इनमें से कुछ बच्चे ही खुशकिस्मत होते हैं, जिनकी जान बच पाती है, शिवम उनमें से एक है। सरकार कई बार आगाह कर चुकी है कि बोरवेल को खुला न छोड़ा जाए।
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