पहली बार जब मोदी के संकटमोचक बने थे जेटली, वाजपेयी को दिलाया था इस बात का यकीन

Published : Aug 25, 2019, 02:40 PM ISTUpdated : Aug 25, 2019, 02:41 PM IST
पहली बार जब मोदी के संकटमोचक बने थे जेटली, वाजपेयी को दिलाया था इस बात का यकीन

सार

एक बार आप की अदालत कार्यक्रम में अरुण जेटली से उनके स्लिम ट्रिम रहने की वजह पूछी गई। रजत शर्मा ने पूछा- अरुण जी, आप जो स्लिम-स्ट्रिम हो गए हैं इसका राज क्या है ? इस पर जेटली ने कहा था, मैंने कभी इस बात को छुपाया नहीं... वास्तविकता है कि कई वर्षों ने मुझे स्वास्थ्य की एक-दो तकलीफ थी। उनके पीछे एक कारण था कि वजन बढ़ जाना। इसलिए मैं अपना वजन कम ही रखता हूं। स्लिम स्ट्रिम रहने की कोशिश करता हूं। उसका असर भी पड़ा है।

नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली गुजरात की राजनीति में ही नरेंद्र मोदी के संकटमोचक बन गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2002 में जब गुजरात दंगा हुआ। तब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नरेंद्र मोदी को राजधर्म का पालन करने की सलाह दी थी, जिसमें कहा गया था कि गुजरात में दंगे की स्थिति को जिस तरह से संभाला जा रहा था, उससे वह खुश नहीं थे। उस वक्त अरुण जेटली ने ही वाजपेयी को यकीन दिलाया था कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को हटाने से पार्टी को अधिक नुकसान होगा। 

जब जेटली से स्लिम ट्रिम रहने की वजह पूछी गई 
एक बार 'आप की अदालत' कार्यक्रम में अरुण जेटली से उनके स्लिम ट्रिम रहने की वजह पूछी गई। रजत शर्मा ने पूछा- अरुण जी, आप जो स्लिम-स्ट्रिम हो गए हैं इसका राज क्या है ? इस पर जेटली ने कहा था, मैंने कभी इस बात को छुपाया नहीं... वास्तविकता है कि कई वर्षों ने मुझे स्वास्थ्य की एक-दो तकलीफ थी। उनके पीछे एक कारण था कि वजन बढ़ जाना। इसलिए मैं अपना वजन कम ही रखता हूं। स्लिम स्ट्रिम रहने की कोशिश करता हूं। उसका असर भी पड़ा है।

"असंभव नहीं है ब्लैक मनी वापस लाना" 
ब्लैक मनी वापस लाने के सवाल पर उन्होंने कहा था कि मैं मानता हूं कि आज 20 साल पहले जैसी स्थिति नहीं है। आज  सीक्रेसी को तोड़ा जा सकता है। अगर भारत सरकार अपना मन बना ले और उसे फॉलो करती रहे, तो काम इतना कठिन नहीं है। असंभव तो निश्चित नहीं है।

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