खालिस्तान विवाद मामले में कुमार विश्वास के खिलाफ अरविंद केजरीवाल के बयान से देश के प्रमुख कवि और साहित्यकार नाराज हैं। कवियों और साहित्यकारों ने अरविंद केजरीवाल से माफी की मांग की है।
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के खिलाफ प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) द्वारा खालिस्तानी समर्थक होने का आरोप लगाए जाने के बाद शुरू हुआ विवाद थम नहीं रहा है। आप के पूर्व नेता कुमार विश्वास ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने उनसे कहा था कि मैं एक स्वतंत्र राज्य का मुख्यमंत्री बनूंगा या स्वतंत्र देश का पहला प्रधानमंत्री।
कुमार विश्वास के इस आरोप का जवाब देते हुए अरविंद केजरीवाल ने उनके कवि होने पर चुटकी ली थी। केजरीवाल ने कहा था कि एक दिन एक कवि ने खड़े होकर एक कविता सुनाई। उस कविता में उसने कहा कि सात साल पहले केजरीवाल ने मुझे कहा था कि देश के दो टुकड़े करेंगे। एक टुकड़े का पीएम तुम बन जाना और एक टुकड़े का पीएम मैं बन जाऊंगा। उसके बाद राहुल गांधी ने यह बात कही। प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी की स्पीच देखी। इसके बाद प्रधानमंत्री को समझ आया कि इतना बड़ा आतंकी देश में पनप रहा है। शुक्र है उस कवि का जिसने इतना बड़ा आतंकी पकड़ लिया, जिसे सरकार की सारी एजेंसी नहीं पकड़ पाई।
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अरविंद केजरीवाल मांगें माफी
अरविंद केजरीवाल के इस बयान से देश के प्रमुख कवि और साहित्यकार नाराज हैं। साहित्यकारों ने अरविंद केजरीवाल से माफी की मांग की है। इसके लिए दिनेश रघुवंशी और गजेंद्र सोलंकी ने एक खुला पत्र लिखा है। इसे 40 प्रमुख कवियों और साहित्यकारों ने अपना समर्थन दिया है। पत्र में लिखा गया है कि कवि और साहित्य के लोगों के रूप में हम आपके द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों से बहुत आहत हैं। कुमार विश्वास का गैर-जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में उपहास करते हुए आपने उन्हें अविश्वसनीय बयान देने वाला बताया है। हम आपसे बिना शर्त माफी की मांग करते हैं।
बता दें कि कुमार विश्वास ने यह भी आरोप लगाया है कि 2017 में हुए पंजाब विधानसभा के चुनाव के दौरान खालिस्तान समर्थक अरविंद केजरीवाल के घर आते थे। वे लोग बैठकें करते थे। मैंने उन्हें रंगे हाथ पकड़ा था। जब मैंने इसपर आपत्ति उठाई थी तो पंजाब की मीटिंग से मुझे बाहर कर दिया गया था।
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