आर्यन खान को ड्रग केस में गिरफ्तार करने वाले पूर्व एनसीबी ऑफिसर समीर वानखेड़े का चेन्नई ट्रांसफर

मुंबई ड्रग्स मामले से हटाए जाने के बाद समीर वानखेड़े एनसीबी से दूसरी जगह भेज दिया गया था। समीर वानखेड़े ने ड्रग केस में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था।

नई दिल्ली। शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान के मुंबई ड्रग्स-ऑन-क्रूज़ केस में चर्चित रहे एनसीबी के विवादित जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को सरकार ने चेन्नई ट्रांसफर कर दिया है। फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी करने के आरोपी समीर वानखेड़े पर इरादतन आर्यन खान पर कार्रवाई के आरोप लगने के बाद दिल्ली बुला लिया गया था। आर्यन खान को क्लीन चिट मिलने के बाद समीर वानखेड़े पर शिकंजा कसा जाना निश्चित हो चुका था। सोमवार को उनको चेन्नई ट्रांसफर कर दिया गया। वह अब टैक्स पेयर्स सर्विस डायरेक्ट्रेट में अपनी सेवाएं देंगे। 

एनसीबी जोनल डॉयरेक्टर थे जब मारा गया था छापा

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समीर वानखेड़े नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी के मुंबई क्षेत्रीय प्रमुख थे, जब उन्होंने टीम के साथ पिछले साल मुंबई शहर के तट पर क्रूज जहाज पर छापा मारा था। इस छापेमारी में आर्यन खान को भी गिरफ्तार किया गया था। बालीवुड स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद मामला पूरे देश में चर्चित हो गया। करीब 26 दिनों तक आर्यन जेल में रहे लेकिन बाद में उनको जमानत मिल गई। अब एनसीबी ने अपनी जांच में आर्यन खान को क्लीन चिट दे दी है। एनसीबी की क्लीन चिट में यह साफ है कि आर्यन खान के खिलाफ कोई खास सबूत नहीं थे। 

समीर की जांच और आरोप में खामियां उजागर

दरअसल, आर्यन खान को ड्रग केस में घसीटने वाले वानखेड़े पर जांच और कार्रवाई में भी अनियमितता बरतने के आरोप लगे। सूत्रों ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान कोई वीडियोग्राफी नहीं की गई थी और आर्यन खान के फोन की सामग्री का विश्लेषण करने में खामियां थीं, क्योंकि चैट उन्हें मामले से नहीं जोड़ती है। इसके अलावा ड्रग्स की खपत को साबित करने के लिए कोई मेडिकल टेस्ट नहीं किया गया था। सबसे अहम बात की तीन गवाह मुकर गए। इन तीनों में एक ने कहा कि स्पेशल टीम ने सादे कागज पर सिग्नेचर कराए थे तो दो ने कहा कि वह छापे के समय उस लोकेशन पर ही नहीं थे। हाईलेवल पर इस मामले की जांच हुई तो समीर वानखेड़े पर गंभीर चूक करने का आरोप लगा।

सरकार समीर वानखेड़े की जांच में तेजी चाहती

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सरकार ने सक्षम अधिकारी से घटिया जांच के लिए समीर वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। उनके खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र के लिए कार्रवाई की जाएगी।

फर्जी प्रमाण-पत्र पर नौकरी का भी आरोप

महाराष्ट्र में सरकार में तत्कालीन मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) पर कुछ माह पूर्व कई गंभीर आरोप लगाए थे। नवाब मलिक ने दस्तावेज पेश कर यह आरोप लगाया था कि समीर वानखेडे ने आईआरएस की नौकरी के लिए दलित प्रमाण पत्र लगाया था। उन्होंने समीर की पहली शादी का निकाहनामा पेश किया है। मलिक ने दावा किया है कि 'निकाहनामे' में समीर का नाम 'समीर दाऊद वानखेडे' लिखा है। नवाब मलिक ने दावा किया कि ‘साल 2006 में 7 दिसंबर, गुरुवार को रात 8 बजे समीर दाऊद वानखेड़े और डॉ. शबाना कुरैशी के बीच निकाह हुआ था। यह निकाह मुंबई के अंधेरी (वेस्ट) के लोखंडवाला कॉम्पलेक्स में हुआ था। निकाह में 33 हजार रुपए मेहर के रूप में अदा की गई थी। इसमें गवाह नंबर 2 अजीज खान थे। वह यासमीन दाऊद वानखेड़े के पति हैं, जो कि समीर वानखेड़े की बहन हैं। जबकि उन्होंने आईआरएस की नौकरी पाने के लिए अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है और एक योग्य अनुसूचित जाति के व्यक्ति को उसके भविष्य से वंचित किया है।’ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो या एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े ने पिछले नवंबर में वह दावा किया था कि वह अपने मूल जाति के कागजात लगाए थे। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में भी उन्हों दलित जाति का होने का ही दावा किया था।

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