नागरिकता संसोधन बिल सोमवार देर रात लोकसभा में पास हो गया है। लेकिन कांग्रेस, टीएमसी, एआईएमआईएम समेत तमाम पार्टियां इसका लगातार विरोध कर रही हैं।
नई दिल्ली. नागरिकता संसोधन बिल सोमवार देर रात लोकसभा में पास हो गया है। लेकिन कांग्रेस, टीएमसी, एआईएमआईएम समेत तमाम पार्टियां इसका लगातार विरोध कर रही हैं। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता संसोधन बिल को लेकर एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा। इससे पहले सोमवार को चर्चा के दौरान ओवैसी ने बिल की कॉपी भी फाड़ दी थी।
असदुद्दीन ओवैसी बिल के पास होने के बाद ट्वीट किया, आधी रात के समय जब दुनिया सो रही थी, भारत की स्वतंत्रता, समानता, भाईचारेवाद और न्याय के आदर्शों के साथ धोखा किया गया। उन्होंने आगे लिखा इस बिल के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया। मैं हर भारतीय से वादा करता हूं कि यह लड़ाई खत्म नहीं हुई है। निराश ना हों, निडर और मजबूत रहें।
'किसी धर्म को डरने की जरूरत नहीं है'
अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में यह बिल पेश किया था। दिन भर चली चर्चा के बाद देर रात यह बिल पास हो गया। इसके समर्थन में 311 वोट पड़े। विरोध में 80 संसद ने मत डाले। इससे पहले अमित शाह ने साफ कर दिया कि किसी भी धर्म को लेकर इस बिल को लेकर डरने की जरूरत नहीं है। शाह ने कहा, बिल से भारतीय मुस्लिमों का कोई लेना देना नहीं है।
क्या है नागरिकता संसोधन बिल ?
नागरिकता संसोधन बिल 2019 के मुताबिक, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक आए हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और क्रिश्चियन के साथ अवैध घुसपैठियों जैसा व्यवहार नहीं होगा, बल्कि उन्हें भारत की नागरिकता मिल जाएगी।