हरियाणा : चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी छोड़ी, कहा- पार्टी अब हुड्डा कांग्रेस में बदल गई है

हरियाणा में 21 अक्टूबर को मतदान है, लेकिन इससे पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक तंवर ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी जाहिर की थी।  

Asianet News Hindi | Published : Oct 5, 2019 7:58 AM IST / Updated: Oct 05 2019, 02:07 PM IST

नई दिल्ली. हरियाणा में 21 अक्टूबर को मतदान है, लेकिन इससे पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक तंवर ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। अशोक तंवर की काफी दिनों से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी तनातनी चल रही थी। विधानसभा चुनाव से पहले अशोक तंवर से प्रदेश की कमान छीनकर कुमारी शैलजा को दी गई है। 

"हरियाणा कांग्रेस अब हुड्डा कांग्रेस में बदल गई है"

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अशोक तंवर ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा था कि मुझे सभी पदों से मुक्त कर दिया जाए। उन्होंने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि हरियाणा कांग्रेस अब हुड्डा कांग्रेस में बदल गई है।

तंवर ने 15 टिकट मांगे थे लेकिन एक भी नहीं मिला
हरियाणा विधानसभा चुनाव में तंवर ने अपने समर्थकों के लिए 15 टिकट मांगे थे, लेकिन जब उम्मीदवारों की लिस्ट जारी हुई तो उनके एक भी समर्थक को टिकट नहीं मिला। टिकट वितरण पर सवाल खड़े करते हुए अशोक तंवर ने बुधवार को नई दिल्ली में सोनिया गांधी के घर के बाहर प्रदर्शन भी किया था। 


जेएनयू से राजनीति की शुरुआत की थी

अशोक तंवर ने अपने करियर की शुरुआत जेएनयू में एनएसयूआई के एक कार्यकर्ता के रूप में की। युवा राजनीति तंवर तब प्रमुखता से उभरे जब उन्होंने जेएनयू के छात्र संघ के अध्यक्ष के लिए चुनाव जीता। वे 1999 में एनएसयूआई के सचिव और 2003 में इसके अध्यक्ष बने। उनके नेतृत्व में एनएसयूआई ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ में दो चुनाव जीते। अध्यक्ष के रूप में अशोक तंवर के कार्यकाल के दौरान भारतीय युवा कांग्रेस ने कार्यशालाओं, सेमिनारों, नुक्कड़ नाटकों और सार्वजनिक मुद्दों से संबंधित सामाजिक कार्यों के माध्यम से ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर अपने नेटवर्क को मजबूत करने की कोशिश की। 

सिरसा से 2009 में बने सांसद

लोकसभा चुनाव 2009 में उन्होंने हरियाणा के सिरसा से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में 35499 मतों के अंतर से लोकसभा चुनाव जीता। हालांकि 2014 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में इंडियन नेशनल लोकदल के चरणजीत सिंह से हार गए। 14 फरवरी 2014 को उन्हें हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया।

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