असम में पिछले दिनों आई बाढ़ से 30-40 हजार घर डैमेज हो गए हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा(Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने केंद्र से मदद मांगी है। सरमा बाढ़ की स्थिति की खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैंं। जानिए क्या कहा मुख्यमंत्री सरमा ने...
नई दिल्ली. असम में हाल में आई भीषण बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा(Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि भारी बाढ़ से असम में 30-40 हजार घर डैमेज हो गए हैं। मुख्यमंत्री सरमा ने शुक्रवार शाम यहां एक बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस बात से अवगत कराया और केंद्रीय मदद मांगी। शनिवार को एक आफिसियल स्टेटमेंट में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री शाह से बाढ़ प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फंड (NDRF) से एडवांस पैसा जारी करने का अनुरोध किया। यह राहत उन्हें दी जाएगी, जिनके घर गंभीर रूप से या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। (यह तस्वीर पिछले दिनों की है, जब मुख्यमंत्री सरमा बाढ़ग्रस्त इलाके के दौरे पर गए थे)
बाढ़ की स्थिति की खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं सीएम सरमा
मीडिया से बात करते हुए सरमा ने कहा कि चूंकि असम की बाढ़ की स्थिति का आकलन करने के बाद एक केंद्रीय टीम द्वारा इसे गंभीर करार दिया गया है, इसलिए उन्होंने एनडीआरएफ से एक अग्रिम फंड की मांग की, ताकि राज्य उन लोगों की मदद कर सके जिनके घर थे बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गए।
केंद्र ने भरोसा दिलाया है कि केंद्र का दरवाजा हमेशा खुला है। धन की कोई कमी नहीं है। लीगली और लॉजिकली जो कुछ भी मांग होगी, उसके लिए फंड दिया जाएगा। मुख्यमंत्री सरमा के अनुसार, गृह मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय एनडीआरएफ से तत्काल एडवांस फंड जारी करने के उनके अनुरोध पर गंभीरता विचार करेगा। सरमा ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ से हुए नुकसान की वास्तविक तस्वीर देगी, ताकि उसे पैकेज मांगने के बजाय सही राशि मिल सके।
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सरमा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड पूरा उपयोग करना होगा, ताकि राज्य को एनडीआरएफ के साथ-साथ एडिशनल फंड भी मिल सके। केंद्र ने मौजूदा बाढ़ से निपटने के लिए असम सरकार को तत्काल सहायता के रूप में 2022-23 के लिए एसडीआरएफ के राज्य हिस्से के रूप में 324.40 करोड़ रुपये जारी किए थे।
असम में शुक्रवार को भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई थी। इस दौरान तीन और लोगों की मौत हो गई।हालांकि बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या में मामूली कमी आई है। असम स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (ASDMA) की बाढ़ रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ के पानी में एक बच्चे सहित दो लोगों की जान चली गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति की भूस्खलन में मौत हो गई। राज्य में इस साल आई बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की कुल संख्या अब 190 हो गई है। इस समय 14 जिलों के 28 राजस्व मंडल और 620 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया है कि 8,88,177 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, कछार जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, क्योंकि यहां 5.63 लाख से अधिक लोग संकट में हैं। 75,000 से अधिक लोगों ने 173 राहत शिविरों में शरण ली है, जबकि अन्य 19 राहत वितरण केंद्र भी चालू हैं। राहत की बात यह है कि राज्य में फिलहाल कोई नदी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है।
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