असम सरकार एक फरवरी से सद्भावना नामक एक प्रोजेक्ट शुरू कर रही है. जिसके तहत राज्य सचिवालय में लंबित पड़ी फाइलों को निपटारा किया जाएगा. इसके अतिरिक्त राज्य सरकार एक स्वच्छता परियोजना भी शुरू करेगी.
गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा शर्मा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने जानकारी दी कि राज्य सरकार सचिवालय में पड़ी लगभग चार से पांच लाख फाइलों का निपटारा एक साल के भीतर करेगी। उन्होंने कहा कि यह सब प्रोजेक्ट सद्भावना (Project Sadbhawana) के तहत किया जाएगा।
एक साल में 4-5 लाख फाइलों का होगा निपटारा
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सरमा ने कहा कि हम एक फरवरी से सद्भावना नामक एक नई परियोजना शुरू करेंगे। इसके तहत सचिवालयों में लंबित फाइलों को एक साल के अंदर निपटारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए एक पोर्टल बनाएगी, जिस पर लंबित फाइलों के बारे में सूचित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि एक साल के अंदर हम चार से पांच लाख फाइलों को निपटारा करेंगी। असम के सीएम ने कहा कि यह कदम नागरिक केंद्रित शासन की दिशा में एक कदम है और शासन को लोगों के दरवाजे तक ले जाएगा, इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री सरमा ने कहा था कि राज्य सरकार 1900 के दशक से राज्य के सचिवालय में पड़ी फाइलों का निपटारा करने के लिए एक फरवरी से सद्भावना नामक परियोजना शुरू करेगी।
10 मई 2021 तक की सभी लंबित फाइलों को किया जाएगा निपटारा
असम के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, इस परियोजना के तहत वर्षों से कई कारणों से लंबित फाइलों का एक साथ निपटान किया जाएगा, ताकि राज्य के लोगों को तत्काल शासन प्रदान किया जा सके। इस परियोजना के तहत 10 मई 2021 तक की सभी लंबित फाइलों का निस्तारण किया जाएगा। अगले चरण में इस अवधि के बाद की फाइलों का निस्तारण किया जाएगा।
स्वच्छता अभियान शुरू करेगी असम सरकार
इसके अतिरिक्त सभी विभागों में साफ-सफाई के पहलू को नया रूप देने के लिए जनता भवन में सद्भावना परियोजना के साथ-साथ एक स्वच्छता अभियान भी शुरू किया जाएग। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से बातचीत करते हुए कहा कि परियोजना की सफलता राज्य सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग पर निर्भर करेगी। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों और अधिकारियों से परियोजना की सफलता के लिए सहयोग देने का अपील की है। जिससे लंबित फाइलों का निपटारा जल्द से जल्द हो सके। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा। जिसके जरिए नागरिक फाइल नंबर और पत्राचार विवरण का हवाला देते हुए आवेदन कर सकते हैं।