काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान( The Kaziranga National Park) में अब 40 किमी/घंटा से अधिक की स्पीड से व्हीकल्स नहीं चलाए जा सकेंगे। इसका मकसद अभयारण्य(sanctuary) के जानवरों को एक्सीडेंट से बचाना है। पार्क के एक अधिकारी ने 9 जून को को यह जानकारी दी।जानिए पूरा मामला...
गुवाहाटी(Guwahat).काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान( The Kaziranga National Park) मैनेजमेट ने अभयारण्य(sanctuary) में वाहनों की अधिकतम स्पीड लिमिट 40 किलोमीटर प्रति घंटा तय की है। इसका मकसद एक्सीडेंट्स में वन्यजीवों को मौत को रोकना है। साथ ही उनका मूवमेंट्स लोगों की मौजूदगी के बावजूद आसान बना रहे। पार्क के एक अधिकारी ने 9 जून को को यह जानकारी दी। बता दें कि काजीरंगा नेशनल पार्क पूर्वात्तर राज्य असम में एक संरक्षित क्षेत्र(protected area) है। यहां ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ के मैदानों( floodplains), वेटलैंड, ग्रासलैंड वाला एरिया है। यहां टाइगर, हाथी और भारतीय एक सींग वाले गैंडों की दुनिया की सबसे बड़ी आबादी के घर हैं। यहा गंगा नदी की डॉल्फ़िन पार्क के पानी में तैरती हैं। यह कई दुर्लभ प्रवासी पक्षी दिखाई देते हैं।
एनिमल कॉरिडोर में सेंसर बेस्ड कैमरे लगाए गए
पार्क मैनेजमेंट के अनुसार व्हीकल्स की स्पीड का पता लगाने के लिए असम में रेंगाली से बोरजुरी तक फैले पार्क के 9 एनमिल कॉरिडोर्स में 6 सेंसर बेस्ड कैमरे लगाए गए हैं। पूर्वी असम वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ रमेश गोगोई( Eastern Assam Wildlife Division's DFO Ramesh Gogoi) ने कहा कि नेशनल हाईवे-37 पर भी कैमरे लगाए गए हैं, जो दुनियाभर में प्रसिद्ध एक सींग वाले गैंडों के घर काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की दक्षिणी सीमाओं से गुजरते हैं। ये कैमरे 10 जून से चालू हो जाएंगे। डिविजल फॉरेस्ट आफिसर ने कहा कि कैमरे व्हीकल्स की स्पीड को रडार से पहचानने वाले ऑटोमेटिक नंबर प्लेट से लैस हैं। अधिकारी असम में बाढ़ के दौरान वाहनों की गति सीमा को नियंत्रित करते थे, क्योंकि जानवर सूखी जमीन की तलाश में NH 37 के पास आते हैं और कई हाइलैंड्स तक पहुंचने के लिए सड़क पार करते हैं।
व्हीकल्स की स्पीड से अकसर एनिमल्स को खतरा होता आया है
हाईवे पर तेज रफ्तार वाहनों ने कई जानवरों का जीवन छीना है। खासकर जब पार्क में पानी भर जाता है और जानवर हाइलैंड्स तक पहुंचने के लिए सड़क पार करते हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के अनुसार, 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति सीमा से ऊपर चलने वाले वाहनों के मालिकों को पनिशमेंट मिलेगी। ओवरस्पीड होने पर आपराधिक प्रक्रिया संहिता के प्रावधान (violation of a provision of the Code of Criminal Procedure) के तहत भी केस दर्ज किया जा सकता है।
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