छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर आज(3 नवंबर) उपचुनाव( by-election) के लिए वोटिंग हो रही है। बिहार के मोकामा और गोपालगंज विधानसभा क्षेत्रों, महाराष्ट्र के अंधेरी (पूर्व), हरियाणा के आदमपुर, तेलंगाना के मुनुगोड़े, उत्तर प्रदेश के गोला गोकर्णनाथ और ओडिशा के धामनगर में उपचुनाव हैं।
नई दिल्ली. छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर गुरुवार को वोटिंग हुई है। देश के छह राज्यों में सात विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव में तेलंगाना और ओडिशा में वोटर्स ने जबर्दस्त उत्साह दिखाया तो मुबई में सबसे कम वोटर्स घर से निकलें। देर शाम तक संपन्न हुई वोटिंग के बाद सामने आए प्रतिशत पर गौर करें तो तेलंगाना, हरियाणा व ओडिशा में सबसे अधिक वोटिंग हुई है। जबकि महाराष्ट्र में सबसे कम वोटिंग हुई है। चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक तेलंगाना के मुनुगोडे सीट पर सबसे अधिक 77.55 प्रतिशत की रिकॉर्ड वोटिंग हुई है। वहीं, महाराष्ट्र के अंधेरी वेस्ट विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 31.74 प्रतिशत वोटिंग हुई है। यह देशभर में हुए उपचुनावों में सबसे कम वोटिंग प्रतिशत है। हरियाणा के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में 75.25 प्रतिशत वोटिंग का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। ओडिशा के धामनगर में 66.63 प्रतिशत वोटिंग हुई है। यूपी के गोला गोकर्णनाथ विधानसभा क्षेत्र में 57.68 प्रतिशत वोटिंग हुई है। बिहार के मोकामा में 53.45 प्रतिशत वोटिंग हुई है तो गोपालगंज में 51.48 वोटिंग हुई है। जिन सात सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें बीजेपी के पास तीन, कांग्रेस के पास दो जबकि शिवसेना और राजद के पास एक-एक सीट थी। वोटों की गिनती 6 नवंबर को होगी। (पहली तस्वीर यूपी के गोला गोकर्णनाथ की है)
यह है पूरा चुनावी गणित
भाजपा सहानुभूति मतों(sympathy votes) के आधार पर उत्तर प्रदेश में गोला गोकर्णनाथ सीट और बीजद शासित ओडिशा में धामनगर को बरकरार रखना चाहती है। भाजपा ने यहां से मौजूदा विधायकों के बेटों को मैदान में उतारा है, जिनकी मृत्यु के कारण उपचुनाव कराना पड़ा है। भाजपा और सत्तारूढ़ टीआरएस ने तेलंगाना के मुनुगोड़े में आक्रामक रूप से प्रचार किया था। यहां कांग्रेस विधायक ने इस्तीफा दे दिया था। वे अब भाजपा से चुनाव मैदान में उतरे। चुनाव आयोग ने मुनुगोड़े में 3,366 राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा कर्मियों की 15 कंपनियों की तैनाती समेत मतदान के लिए व्यापक इंतजाम किए है। अधिकारियों ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों से वेबकास्टिंग का इंतजाम भी किया गया।
तस्वीर- बिहार के गोपालगंज में वोटिंग
हरियाणा की आदमपुर सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई ने विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया था। उनके अगस्त में कांग्रेस से भाजपा में चले जाने के बाद उपचुनाव कराना पड़ा। बिश्नोई के बेटे भव्या अब बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। आदमपुर सीट पर 1968 से भजन लाल परिवार का कब्जा है, जिसमें दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री 9 मौकों पर, उनकी पत्नी जसमा देवी ने एक बार और कुलदीप ने चार मौकों पर इसका प्रतिनिधित्व किया था। उपचुनाव लड़ने वाले प्रमुख दलों में कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोक दल और आम आदमी पार्टी शामिल हैं।
तस्वीर-बीजेपी उम्मीदवार भव्या विश्नोई और भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई।
जद (यू) के भाजपा से अलग होने के बाद तीन महीने से भी कम समय पहले बनी नीतीश कुमार की अगुवाई वाली 'महागठबंधन' सरकार के लिए बिहार में पहली चुनावी परीक्षा है। बिहार में मोकामा और गोपालगंज सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, जो पहले क्रमशः राजद और भाजपा के पास थे। भाजपा पहली बार मोकामा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रही है, क्योंकि भाजपा ने पिछले मौकों पर यह सीट अपने सहयोगियों के लिए छोड़ी थी। उपचुनाव में भाजपा और राजद दोनों ने स्थानीय बाहुबलियों की पत्नियों को मैदान में उतारा है।
भाजपा उम्मीदवार सोनम देवी राजद की नीलम देवी के खिलाफ हैं, जिनके पति अनंत सिंह की अयोग्यता के कारण उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी। मोकामा 2005 से अनंत सिंह का गढ़ है। उन्होंने जद (यू) के टिकट पर दो बार सीट जीती। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मतदाताओं से उनका समर्थन करने की अपील की थी। अनंत सिंह का विरोध करने वाले स्थानीय बाहुबली ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी को भाजपा ने मैदान में उतारा है। ललन को खतरनाक गैंगस्टर से नेता बने सूरज भान सिंह के विश्वासपात्र के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने 2000 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह को हराया था। वे राबड़ी देवी सरकार में मंत्री बने थे।
गोपालगंज से बीजेपी ने दिवंगत पार्टी विधायक सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी को मैदान में उतारा है। राजद ने मोहन गुप्ता को मैदान में उतारा है, जबकि लालू यादव के बहनोई साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं।
शिवसेना के ऋतुजा रमेश लटके(Rutuja Latke) के मुंबई में अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र में आराम से जीतने की उम्मीद है, क्योंकि यहां से भाजपा-एकनाथ शिंदे की पार्टी ने अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है। राकांपा और कांग्रेस ने भी ऋतुजा की उम्मीदवारी का समर्थन कर दिया था। इस साल मई में ऋतुजा लटके के पति और शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के कारण उपचुनाव कराना पड़ा है।
तस्वीर-ऋतुजा लटके
उत्तर प्रदेश की गोला गोकर्णनाथ सीट 6 सितंबर को बीजेपी विधायक अरविंद गिरी के निधन के बाद खाली हुई थी। बीजेपी ने अरविंद गिरी के बेटे अमन गिरी को मैदान में उतारा है, जबकि गोला गोकर्णनाथ के पूर्व विधायक विनय तिवारी सपा के उम्मीदवार हैं।
बीजद ने धामनगर से कुल पांच उम्मीदवारों में अकेली महिला अबंति दास को उतारा है। भाजपा विधायक विष्णु चरण सेठी की मौत के कारण उपचुनाव कराना पड़ा है। सहानुभूति मतों के आधार पर भगवा पार्टी ने सेठी के बेटे सूर्यवंश को मैदान में उतारा है
तेलंगाना में मुनुगोड़े विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में 2.41 लाख से अधिक मतदाता हैं। यहां कुल 298 मतदान केंद्र बनाए गए। 105 बूथों की पहचान 'क्रिटिकल' के रूप में की गई है। यहां चुनाव आयोग ने 3,366 राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा कर्मियों की 15 कंपनियों की तैनाती सहित मतदान के लिए व्यापक इंतजाम किए। कांग्रेस के मौजूदा विधायक कोमातीरेड्डी राज गोपाल रेड्डी के अगस्त में अपने पद से इस्तीफा देने के कारण उपचुनाव कराना पड़ा है। वह भाजपा में शामिल हो गए हैं। यहां 47 उम्मीदवार मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला राज गोपाल रेड्डी (भाजपा), टीआरएस के पूर्व विधायक कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी और कांग्रेस के पलवई श्रावंथी के बीच है।
हरियाणा के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के नतीजे तय करेंगे कि भजनलाल परिवार अपने पांच दशकों के गढ़ पर कायम रहता है या नहीं। यहां करीब 1.71 लाख मतदाता वोट डालने के पात्र हैं। यहां 22 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें एक भी महिला नहीं है। मुख्य दल भाजपा, कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोक दल और आम आदमी पार्टी हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई ने इस सीट से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था और अगस्त में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाने के बाद उपचुनाव कराना पड़ा। बिश्नोई के बेटे भव्य भाजपा उम्मीदवार के रूप में उपचुनाव लड़ रहे हैं। वे भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। 29 वर्षीय भव्या 2019 का लोकसभा चुनाव हिसार से भाजपा के नौकरशाह से नेता बने बृजेंद्र सिंह से हार गए थे। कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश (हिसार से तीन बार के सांसद और दो बार के विधायक) को मैदान में उतारा है। इनेलो ने कांग्रेस के बागी कुर्दा राम नंबरदार को अपना उम्मीदवार बनाया है। आप ने बीजेपी से अलग हुए सतेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है।
यह भी जानिए
मोकामा और गोपालगंज में 1 बजे तक एवरेज 31.90% वोटिंग हुई। मोकामा में 34.26% मतदान, जबकि गोपालगंज में 29.90% वोटिंग हुई।
गोपालगंज उपचुनाव को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलाने के आरोप में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।
बिहार के मोकामा और गोपालगंज विधानसभा क्षेत्रों में दोपहर एक बजे तक औसत 31.90 प्रतिशत मतदान हुआ। मोकामा में जहां 34.26 प्रतिशत मतदान हुआ, वहीं गोपालगंज में दोपहर एक बजे तक 29.90 प्रतिशत मतदान हुआ।
गोला गोकर्णनाथ में प्राइमरी स्कूल देवकली के बूथ संख्या 316 पर ईवीएम खराब होने की शिकायत मिली। इससे कुछ देर तक मतदान रोकना पड़ा।
बिहार की गोपालगंज सीट से राजद उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता का नामांकन रद्द करने के लिए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
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