अटल प्रोग्रेस वेः यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को देगा पेस, बीहड़ों की बदलेगी तस्वीर

अटल प्रोग्रेस-वे वाला क्षेत्र दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस- वे, ईस्ट-वेस्ट कॉरीडोर, आगरा-कानपुर हाइवे के मध्य स्थित है। दिल्ली तथा आसपास के राज्यों में बन रही परिस्थितियों के परिणाम स्वरूप इस क्षेत्र का औद्योगिक पोटेंशियल बढ़ रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 20, 2021 9:25 AM IST

नई दिल्ली। ‘अटल प्रोग्रेस-वे’ परियोजना से तीन राज्यों में विकास की रफ्तार को तेज करेगा। तीनों राज्यों के अति पिछड़े क्षेत्रों में विकास की राह खुलने के साथ रोजगार के हजारों द्वार खुल जाएंगे। प्रोग्रेस-वे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल काॅरिडोर राज्यों में इन्वेस्टर्स को भी आकर्षित करेगा। 

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क्या है अटल प्रोग्रेस वे

दरअसल, यूपी, मध्यप्रदेश और राजस्थान को जोड़ने वाला एक मेगा फोरलेन बनाई जानी है। अटल प्रोग्रेस-वे परियोजना के तहत यूपी के इटावा से राजस्थान के कोटा जिले तक मेगा फोरलेन बनाई जाएगी। 6742 करोड़ रुपये अनुमानित लागत वाली इस परियोजना से तीनों राज्यों के दो सौ से अधिक गांव में औद्योगिक क्रांति होगी। बड़ी परियोजनाओं के साथ बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट पहुंचेंगे तो छोटे उद्योगों को सरकार की मदद से स्टार्ट किया जा सकेगा। 

360 km. मेगाफोरलेन के दोनों तरफ बसेगी औद्योगिक नगरी

अटल प्रोग्रेस-वे परियोजना के तहत 3055 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। 360 किलोमीटर की हाईवे 312 किलोमीटर मध्य प्रदेश, 18 किलोमीटर यूपी और 30 किलोमीटर राजस्थान से होकर गुजरेगी। इस परियोजना का सबसे बड़ा लाभ एमपी के ग्वालियर-चंबल क्षेत्र को मिलेगा। 

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डीपीआर बन चुका, एमपी जमीनों का अधिग्रहण भी कर रही

एमपी के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि प्रोग्रेस-वे का सबसे बड़ा लाभ ग्वालियर-चंबल क्षेत्र को होगा। भिंड, मुरैना और श्यौपुर में भू-अर्जन, वन-राजस्व की एनओसी सहित अन्य कार्यों को पूरा करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। डीपीआर तैयार हो चुका है। मध्य प्रदेश की सीमा में पड़ने वाली डेढ़ हजार हेक्टेयर भूमि सड़क विकास प्राधिकरण को हस्तांतरित कर दी है। 284 हेक्टेयर वन भूमि से अनापत्ति के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। तीन जिलों में 1250 हेक्टेयर निजी भूमि के लिए किसानों से सहमति का कार्य किया जा रहा है।

विकास को मिलेगी गति

अटल प्रोग्रेस-वे वाला क्षेत्र दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस- वे, ईस्ट-वेस्ट कॉरीडोर, आगरा-कानपुर हाइवे के मध्य स्थित है। दिल्ली तथा आसपास के राज्यों में बन रही परिस्थितियों के परिणाम स्वरूप इस क्षेत्र का औद्योगिक पोटेंशियल बढ़ रहा है। भिंड में लॉजिस्टिक हब, मुरैना में मल्टी प्रोडेक्ट औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने और श्योपुर में कृषि आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की योजना का यह अहम हिस्सा भविष्य में बनकर सामने आएगा। एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ बड़े-बड़े उद्योग लगाए जाना प्रस्तावित है, साथ ही चंबल इलाके के लोगों को छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार की तरफ से मदद की जाएगी।

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