10000 फीट की ऊंचाई पर बनी 'अटल टनल' ने रचा वर्ल्ड रिकॉर्ड; हिमालय की चोटी पर BRO ने बनाया है सबसे लंबा हाईवे

हिमालय के सबसे खतरनाक जगह रोहतांग दर्रा(Rohtang Pass) पर बनी अटल टनल को आधिकारिक तौर पर 'वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' ने '10,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग' के रूप में मान्यता दी है।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 10, 2022 5:30 AM IST / Updated: Feb 10 2022, 11:03 AM IST

नई दिल्ली. यहां 9 फरवरी को आयोजित एक ऐतिहासिक समारोह के दौरान अटल टनल को आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा '10,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग' के रूप में मान्यता दी गई है। सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक (डीजीबीआर) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ने वाली इस उत्कृष्ट  इंजीनियरिंग के निर्माण में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की शानदार उपलब्धि के लिए पुरस्कार प्राप्त किया। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स यूके, एक ऐसा संगठन है जो मान्यता प्राप्त प्रमाणीकरण के साथ दुनिया भर में असाधारण रिकार्ड्स को सूचीबद्ध तथा सत्यापित करता है।

यह भी पढ़ें-पहली बार स्मारकों और विरासतों के संरक्षण पर सरकार करा रही ग्लोबल वेबिनार, अमेरिका समेत 20 देश लेंगे हिस्सा

Latest Videos

3 अक्टूबर, 2020 को हुआ था उद्घाटन
दूरदर्शी परियोजना और राष्ट्र का गौरव अटल टनल 3 अक्टूबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित की गई थी। रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण 9.02 किलोमीटर लंबी अटल टनल 'रोहतांग दर्रे' से गुजरती है, इसका निर्माण मनाली-लेह राजमार्ग पर अत्यंत कठिन इलाके में ठंड के तापमान की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में किया गया था। इस सुरंग के निर्माण से पहले तक, यह राजमार्ग लाहौल और स्पीति को मुख्य भूमि से अलग करते हुए सर्दियों के मौसम में छह महीने तक बंद रहा करता था। अटल टनल के निर्माण से मनाली-सरचू सड़क पर 46 किलोमीटर की दूरी और यात्रा के समय में चार से पांच घंटे तक की कमी आई है, जिससे मनाली-लेह राजमार्ग पर सभी मौसमों में कनेक्टिविटी उपलब्ध हो गई है।

यह भी पढ़ें-चीन पर निर्भर है नया भारत, मेड इन इंडिया है स्टैच्यु ऑफ इक्वैलिटी, जानें राहुल गांधी के दावे में कितनी सच्चाई

इंजीनियर का अनूठा नमूना
हिमालय के पीर पंजाल पर्वतमाला में तैयार की गई इस सुरंग का निर्माण तकनीकी और इंजीनियरिंग कौशल की उतनी ही कठिन परीक्षा है, जितनी मानव सहनशक्ति और मशीनी प्रभावकारिता की। इसका निर्माण अत्यंत कठोर एवं चुनौतीपूर्ण इलाके में किया गया है, जहां सर्दियों में तापमान शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है और अक्सर सुरंग के अंदर का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। इसको बनाते समय नाजुक भूविज्ञान और सेरी नाला के रिसाव जैसी समस्याएं सामने आई हैं, जो अटल सुरंग में बाढ़ का कारण बनती हैं। इसके साथ ही उच्च भार और अत्यधिक बर्फबारी के रूप में कुछ प्रमुख निर्माण दिक्कतें भी थीं, लेकिन बीआरओ के कर्मचारियों ने इन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया। 

यह भी पढ़ें-Indian Navy में शामिल होने के लिए Rafale और F/A 18 के बीच चल रहा मुकाबला, जानें किसमें है कितना दम

वरदान साबित हुई सुरंग
सीमा सड़क संगठन ने अपने आदर्श वाक्य 'कनेक्टिंग प्लेस कनेक्टिंग पीपल' के अनुरूप अटल टनल, रोहतांग में आधुनिक इंजीनियरिंग का यह चमत्कारिक निर्माण किया है। यह सुरंग देश के महत्वपूर्ण लद्दाख क्षेत्र को एक वैकल्पिक लिंक मार्ग उपलब्ध करा कर सशस्त्र बलों को रणनीतिक लाभ देने के अलावा, हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले के निवासियों के लिए भी एक वरदान बन रही है। अटल टनल के निर्माण से इस क्षेत्र में पर्यटकों के आगमन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। एक वर्ष से कुछ अधिक समय में ही घाटी और राज्य ने सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में तेजी से विकास देखा है।

यह भी पढ़ें-Weather Report: एक-दो दिन में बदलेगा मौसम का मिजाज, लेकिन फिलहाल सर्दी और कोहरे से नहीं मिलेगी निजात
 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

कोलकाता केसः डॉक्टरों के आंदोलन पर ये क्या बोल गए ममता बनर्जी के मंत्री
घूंघट में महिला सरपंच ने अंग्रेजी में दिया जोरदार भाषण, IAS Tina Dabi ने बजाई तालियां
PM Modi LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया
कौन सी चीज को देखते ही PM Modi ने खरीद डाली। PM Vishwakarma
पितरों को करना है प्रसन्न, घर में ही कर सकते हैं ये 10 उपाय । Pitra Paksh