Odisha Train Accident: CAG की रिपोर्ट ने एक साल पहले ही बता दिया था रेल सुरक्षा में है बड़ी खामी

कैग रिपोर्ट में एक साल पहले ही कहा गया था कि नया ट्रैक लगाने के लिए धन के आवंटन में कमी आई है। इसके लिए जितना पैसा मिलता है उसका भी ठीक से इस्तेमाल नहीं होता।

 

नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे (Odisha Train Accident) पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने रविवार को कहा कि घटना के मूल वजह का पता चल गया है। इस हादसे में 288 लोगों की मौत हुई है और एक हजार लोग घायल हुए हैं।

हादसे का कारण सिग्नलिंग से संबंधी परेशानी बताई गई है। इसको लेकर पिछले साल सितंबर में कैग (Comptroller and Auditor General of India) द्वारा जारी की गई रेलवे की ऑडिट रिपोर्ट की ओर इशारा किया जा रहा है। रिपोर्ट में बताया गया था कि रेल सुरक्षा में खामियां हैं। आलोचक कह रहे हैं कि कैग की रिपोर्ट पर काम हुआ होता तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता।

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ट्रेन के पटरी से उतरने पर कैग ने जारी किया था रिपोर्ट

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने 2022 में ट्रेन के पटरी से उतरने पर रिपोर्ट जारी किया था। इसमें रेल मंत्रालय से कहा गया था कि वह पता करे कि ट्रेनों के पटरी से उतरने और टक्करों को रोकने के लिए उपाये किए गए हैं या नहीं। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि रेलवे पटरियों की स्थिति पता करने के लिए किए जाने वाले निरीक्षण 30-100 प्रतिशत तक की कमी आई है।

ट्रैक के रखरखाव में हुई कमी

अप्रैल 2017 से मार्च 2021 तक 'इंजीनियरिंग विभाग' के कारण 422 ट्रेन पटरी से उतरे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रैक के रखरखाव में कमी के चलते ट्रेन के पटरी से उतरने की 171 घटनाएं हुईं। वहीं, ट्रैक मेनटेन करने के लिए तय मापदंडों का पालन नहीं करने के चलते 156 ट्रेनें पटरी से उतरीं। ऑपरेटिंग डिपार्टमेंट के कारण 275 हादसे हुए। वहीं, प्वाइंट्स की गलत सेटिंग और शंटिंग ऑपरेशन के वक्त होने वाली अन्य गलतियों के चलते 84 प्रतिशत हादसे हुए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष से प्राथमिकता वाले काम पर खर्च के लिए 2017-18 से शुरू होने वाले पांच वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपए का कोष मिला। रेल सुरक्षा पर होने वाले खर्च में गिरावट आई है। नए ट्रैक लगाने के लिए पैसे कम जारी हुए। जितने पैसे जारी हुए उनका भी पूरी तरह इस्तेमाल नहीं हुआ। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है, "2017-21 के दौरान ट्रेन के पटरी से उतरने की 1,127 घटनाएं हुईं। इनमें से 289 घटनाएं ट्रैक नवीनीकरण से जुड़े थे।"

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