अयोध्या : हिंदू महासभा का नक्शा देख भड़के मुस्लिम पक्षकार, फिर जज के सामने ही उसके कर दिए 5 टुकड़े

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्पष्ट किया कि वह अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद संबंधी राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले में प्रतिदिन हो रही सुनवाई को बुधवार शाम को पूरी कर देगा। साथ ही न्यायालय ने कहा, अब बहुत हो चुका।
 

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद सुनवाई के दौरान हिंदू महासभा की ओर से दलील दी जा रही है, इसी दौरान बहस छिड़ गई। सुनवाई के दौरान हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने एक नक्शा पेश किया। इस पर मुस्लिम पक्षकार राजीव धवन ने इसपर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इसे मंजूरी नहीं दी जा सकती है। इतना कहते ही राजीव धवन ने उस नक्शे को फाड़ दिया और उसके पांच टुकड़े कर दिए। बता दें कि अयोध्या विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का आखिरी दिन हो सकता है। उम्मीद है कि शाम 5 बजे तक सुनवाई पूरी कर ली जाएगी। 

नक्शे में क्या था?
हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने किशोर कुणाल की किताब 'अयोध्या रिविजिटेड' के नक्शे को दूसरे दस्तावेजों के साथ रखकर अपनी बात कह रहे थे। तभी मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने इसपर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि किताब रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं है। इतना कहते ही राजीव धवन ने उस नक्शे को फाड़ दिया और उसके पांच टुकड़े कर दिए। 

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राम जन्मस्थान से जुड़ा है नक्शा
बता दें कि पहला नक्शा 1810 में फ्रांसिस बुकानन ने बनाया था। उस नक्शे और दूसरे दस्तावेजों के आधार पर यह नक्शा किशोर कुणाल ने बनाया। दोनों नक्शे उनकी किताब में हैं। राम जन्मस्थान के दोनों नक्शों को कोर्ट में रखा गया था।
 

सुनवाई का 40वां दिन

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि वह पिछले 39 दिनों से अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुनवाई कर रही है और मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए किसी भी पक्षकार को आज (बुधवार) के बाद अब और समय नहीं दिया जाएगा।

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पीठ में कौन-कौन शामिल हैं?
इस पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं। पीठ ने मामले की, 40वें दिन सुनवाई शुरू होने पर कहा, "इस मामले की सुनवाई आज शाम पांच बजे पूरी हो जाएगी। अब बहुत हो चुका।"

अब नहीं बढ़ेगी तारीख
न्यायालय ने पहले कहा था कि सुनवाई 17 अक्टूबर को पूरी हो जाएगी। अब इस समय सीमा को एक दिन पहले कर दिया गया है। प्रधान न्यायाधीश का कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त हो रहा है। पीठ ने सुनवाई में हस्तक्षेप की एक पक्षकार की याचिका को भी खारिज कर दिया और कहा कि सुनवाई के इस चरण पर अब किसी हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुनाया था फैसला
उल्लेखनीय है कि संविधान पीठ अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला- के बीच बराबर बराबर बांटने का आदेश देने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है।

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