पीएम मोदी बोले- राम का अस्तित्व मिटाने का प्रयास हुआ, इमारतें नष्ट की गईं, फिर भी भगवान हमारे मन में

अयोध्या में बुधवार को दोपहर 12 बजकर 44 मिनट और 8 सेकंड पर राम मंदिर का भूमिपूजन किया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज ने देश को संबोधित किया। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 5, 2020 7:40 AM IST / Updated: Aug 05 2020, 02:12 PM IST

अयोध्या. अयोध्या में बुधवार को दोपहर 12 बजकर 44 मिनट और 8 सेकंड पर राम मंदिर का भूमिपूजन किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा, पहले राम भगवान और सीता माता को याद कर लें। उन्होंने जय सियाराम के जयघोष लगवाए। पीएम मोदी ने कहा, इस जयघोष की गूंज पूरे विश्व भर को सुनाई दे रही है। पूरे देश, पूरे विश्व में रहने वाले भक्तों को बधाई। प्रधानमंत्री ने कहा, राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। कोई काम करना हो, तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं। 

पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा, मुझे तो आना ही था, राम काज कीन्हे बिनु मोहि कहां विश्राम। उन्होंने कहा, भारत आज सरयू के किनारे एक स्वर्णिम इतिहास रच रहा, आज पूरा देश राममय हो गया है। उन्होंने कहा, ये मेरा सौभाग्य है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया, इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का अवसर दिया। मैं इसके लिए हृदय पूर्वक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का आभार व्यक्त करता हूं। 

'अस्तित्व मिटाने का प्रयास हुआ'
पीएम मोदी ने कहा, भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए। इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं। श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम है। श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। ये मंदिर करोड़ों-करोड़ों लोगों की सामूहिक शक्ति का भी प्रतीक बनेगा। राममंदिर के निर्माण की ये प्रक्रिया, राष्ट्र को जोड़ने का उपक्रम है।

भव्य मंदिर का होगा निर्माण- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। 

राम मंदिर आंदोलन में पीढ़ियों का संघर्ष- पीएम
पीएम ने कहा, हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था। गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो। 

प्रधानमंत्री ने कहा, राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था ,तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था। जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सबको आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं। राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। कोई काम करना हो, तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं। 

'आज का दिन सत्यता का प्रमाण'
प्रधानमंत्री ने कहा, आज का ये दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है। आज का ये दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है। आज भूमि पूजन का कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है। श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसे उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए, वैसा ही उदाहरण देश ने पेश किया है। ये उदाहरण तब भी पेश किया गया था, जब उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया था। 

'आज धामों से लाई गई मिट्टी, यहां की शक्ति बन गई'
उन्होंने कहा, देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का जल, वहां के लोगों, वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं, आज यहां की शक्ति बन गई हैं। वाकई ये न भूतो न भविष्यति है। श्रीरामचंद्र को तेज में सूर्य के समान, क्षमा में पृथ्वी के तुल्य, बुद्धि में बृहस्पति के सदृश्य और यश में इंद्र के समान माना गया है। श्रीराम का चरित्र सबसे अधिक जिस केंद्र बिंदु पर घूमता है, वो है सत्य पर अडिग रहना।

देश आगे बढ़ेगा- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, हमें ध्यान रखना है, जब जब मानवता ने राम को माना है विकास हुआ है, जब जब हम भटके हैं, विनाश के रास्ते खुले हैं। हमें सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है। हमें सबके साथ से, सबके विश्वास से, सबका विकास करना है। मुझे विश्वास है, हम सब आगे बढ़ेंगे, देश आगे बढ़ेगा। भगवान राम का ये मंदिर युगों-युगों तक मानवता को प्रेरणा देता रहेगा, मार्गदर्शन करता रहेगा।

500 साल तक संघर्ष चला- योगी आदित्यनाथ
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, राम मंदिर के निर्माण के लिए 500 साल तक संघर्ष चला। लेकिन इस संघर्ष का लोकतांत्रिक और शांतिपूर्व तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अंत हुआ। उन्होंने राम मंदिर भूमि पूजन के लिए पीएम मोदी का धन्यवाद किया।  योगी आदित्यनाथ ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और उसकी न्यायपालिका की शक्ति ने दुनिया को दिखा दिया है कि शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और संवैधानिक रूप से हल किए गए मामले कैसे हो सकते हैं।

यह आनंद का क्षण- मोहन भागवत
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, यह बहुत ही आनंद का क्षण है। तब के हमारे संघ के सरसंघचालक आदरणीय बालासाहेब देवरस जी ने कहा था कि 20-30 साल और लगना पड़ेगा। और आज हमें उतने समय बाद बहुत खुशी का अनुभव हो रहा है। भागवत ने कहा,  कितने ही लोग ऐसे हैं जो महामारी के चलते बुलाए नहीं जा सके। कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें बुलाया गया लेकिन वे आ नहीं सके। आडवाणी जी भी घर पर बैठकर कार्यक्रम देख रहे होंगे। 

अशोक सिंगल होते तो कितना अच्छा होता- भागवत
भागवत ने कहा, परम वैभव संपन्न और सबका कल्याण करने वाले भारत का निर्माण आज हो रहा है। आज लगता है कि अशोक सिंघल जी होते तो कितना अच्छा होता। लेकिन सब उस राम की कृपा से ही होता है। सबकी उन्नति करने वाले धर्म की ध्वजा अपने कंधे पे लेकर हम सबका कल्याण करने वाले भारत का निर्माण करे, यहीं अब हमारा कर्तव्य है। 

मंदिर का निर्माण भारत का निर्माण- नृत्य गोपाल दास
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज ने कहा, मंदिर का भूमि पूजन हो गया है। अब मैं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि भक्तों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द शुरू कराएं। उन्होंने कहा, मंदिर का निर्माण सिर्फ मंदिर का निर्माण नहीं है, बल्कि भारत का निर्माण है। यह विश्व का निर्माण है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी बधाई 
इससे पहले राम मंदिर की नींव रखे जाने पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा, राम-मंदिर निर्माण के शुभारंभ पर सभी को बधाई! राम के मंदिर का निर्माण न्यायप्रक्रिया के अनुरूप तथा जनसाधारण के उत्साह व सामाजिक सौहार्द के संबल से हो रहा है। मंदिर परिसर, रामराज्य के आदर्शों वाले आधुनिक भारत का प्रतीक बनेगा।

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