कौन हैं वो 7 ‘शेरनियां’ जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 3 दिन तक सीमा की दो चौकियों को अकेले संभाला?

Published : May 30, 2025, 11:13 AM IST

3 दिन और रातों तक गोलियों की गर्जना, धुएं में लिपटी वीरता और 7 महिला BSF जवानों का सीक्रेट मिशन—ऑपरेशन सिंदूर! दुश्मन की 3 चौकियों पर कब्ज़ा, बिना पीछे हटे मौत को दी चुनौती। क्या आप जान पाएंगे इन शेरनियों की असली कहानी?

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बहादुर महिला सैनिकों की कहानी

7 महिला BSF कर्मियों ने जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन की गोलाबारी के बीच दो सीमा चौकियों की सफल रक्षा की। ये वीरांगनाएँ तीन दिनों तक लगातार युद्ध की स्थिति में डटी रहीं और अपनी बहादुरी से सभी को चौंका दिया।

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नेहा भंडारी का नेतृत्व

सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी, जिन्होंने सिर्फ तीन साल पहले BSF ज्वाइन किया, ने महिला सैनिकों की टीम का नेतृत्व किया। वे इस गहन युद्ध अभियान में शामिल पहली महिला अधिकारी हैं, जिन्होंने दुश्मन के खिलाफ कमाल की रणनीति और साहस दिखाया।

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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 3 दिन और रात किया मुकाबला

तीन दिन और रात तक चली भीषण गोलीबारी में महिला सैनिकों ने दुश्मन की अगुवाई चौकियों को निशाना बनाया। भारी गोलाबारी के बावजूद, उन्होंने अपनी चौकियों की सुरक्षा सुनिश्चित की और दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर किया।

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टीम में कौन-कोन था शामिल?

टीम में चार युवा सैनिक 2023 में शामिल हुईं थीं, जबकि तीन अनुभवी थीं। पंजाब की मंजीत और मलकीत कौर, पश्चिम बंगाल की स्वप्ना रथ और शम्पा बसाक, झारखंड की सुमी जेस और ओडिशा की ज्योति बनियान – हर एक ने अद्भुत भूमिका निभाई।

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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चुनौतीपूर्ण परिस्थितियाें का किया मुकाबला

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, जब गोलीबारी तेज हुई, तो वरिष्ठ अधिकारियों ने महिलाओं को ड्यूटी से हटने की सलाह दी। लेकिन नेहा भंडारी ने इसे ठुकराते हुए कहा कि वे पुरुषों की तरह पूरी ताकत से मुकाबला करेंगी।

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कठोर ट्रेनिंग और अनुशासन ने किया कमाल

महिला सैनिकों ने बताया कि उनका प्रशिक्षण पुरुष सैनिकों के समान ही था। ऑपरेशन सिंदूर उनके लिए एक मौका था यह दिखाने का कि वे युद्ध की स्थिति में भी कमाल कर सकती हैं और देश की सुरक्षा में बराबर की भागीदारी निभा सकती हैं।

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सैन्य इतिहास में नई मिसाल

नेहा भंडारी और उनकी टीम ने साबित कर दिया कि महिलाएं भी सक्रिय युद्धभूमि में पुरुषों के समान साहस और दृढ़ता से लड़ सकती हैं। यह ऑपरेशन महिलाओं के लिए सैन्य सेवा में एक नई प्रेरणा बन गया है।

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दुश्मन के खिलाफ प्रभावशाली जवाब

बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि इन महिला ‘सीमा प्रहारियों’ ने अपने हथियारों और रणनीति से दुश्मन को घातक क्षति पहुंचाई। उनकी बहादुरी ने सीमा पर सुरक्षा को और मजबूत किया और देश के लिए गर्व का पल बनाया।

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