मेहता ने कहा, "यदि हम किसी 'विधर्मी' को किसी लड़की या महिला के साथ पकड़ेंगे तो पहले उस लड़की या महिला के अभिभावकों को सूचित करेंगे और उसके बाद उस गैर हिंदू की जानकारी निकालेंगे और पता लगाएंगे क्या उसका कोई गुप्त उद्देश्य है।"
अहमदाबाद(Ahmedabad). बजरंग दल ने गुजरात में गरबा आयोजकों से आयोजनस्थलों पर 'गैर हिंदुओं' का प्रवेश रोकने को कहा है। बजरंग दल ने दावा किया है कि नौ दिवसीय नवरात्र महोत्सव हिंदू महिलाओं को बहलाने फुसलाने का एक मंच बन गया है।
दक्षिणपंथी समूह ने गरबा आयोजन स्थलों के बाहर लगातार गश्त करने के लिए टीमें भी बनायी हैं और लोगों को 'लव जेहाद' के बारे में सतर्क करने के लिए पोस्टर भी लगाये हैं। बजरंग दल के अहमदाबाद क्षेत्र समन्वयक ज्वलित मेहता ने सोमवार को कहा कि अहमदाबाद में ऐसे पोस्टर सभी प्रमुख गरबा आयोजन स्थलों के बाहर लगाये गए हैं। शहर में ऐसे पोस्टर विशेष तौर पर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में स्थित गरबा आयोजन स्थलों के बाहर लगाये गए हैं।
उन्होंने दावा किया, "इन पोस्टरों के जरिये हम लोगों को एक षड्यंत्र के बारे में सतर्क कर रहे हैं, जिसके तहत नवरात्र के दौरान हिंदू लड़कियों और महिलाओं को गैर हिंदुओं द्वारा निशाना बनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष तीन लाख से अधिक हिंदू लड़कियां या महिलाएं लव जेहाद में फंसती हैं। हमने गरबा आयोजकों से गरबा आयोजन स्थलों में गैर हिंदुओं का प्रवेश रोकने के लिए पहले ही कह दिया है।"
"यदि हम किसी 'विधर्मी' को किसी लड़की या महिला के साथ पकड़ेंगे तो पहले उस लड़की या महिला के अभिभावकों को सूचित करेंगे और उसके बाद उस गैर हिंदू की जानकारी निकालेंगे और पता लगाएंगे क्या उसका कोई गुप्त उद्देश्य है।"
उन्होंने कहा कि संगठन ने अभिभावकों को भी सतर्क रहने और अपनी पुत्रियों को बचाने का आग्रह किया है। संगठन ने शहर में प्रमुख स्थलों पर निगरानी के लिए टीमें बनायी हैं। संगठन ने इसके साथ ही स्थानीय पुलिस और विभिन्न जिलों के प्रशासनों से भी हिंदू धर्म की "शुचिता" बनाये रखने और लड़कियों को "लव जेहाद" से बचाने का आग्रह किया है।
बजरंग दल के उत्तर गुजरात समन्वयक एम के पटेल ने कहा, "नवरात्र हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह लव जेहाद का मंच नहीं बनना चाहिए। गैर हिंदू जिनका इस त्योहार से कोई लेना देना नहीं, वे इसका इस्तेमाल हमारी लड़कियों या महिलाओं को बहलाने फुसलाने के लिए करते हैं।"
[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]