बहुत हुआ ये तमाशा, तमिलनाडु के मंदिरों में अब ऐसा बिलकुल नहीं चलेगा, हाईकोर्ट ने लगा दिया है मोबाइल पर बैन

एम सीतारमनने एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें थिरुचेंदूर मंदिर के अंदर सेल फोन रखने और उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रभावी उपाय करने की मांग की गई थी। इसमें कहा गया था कि यह धार्मिक नियमों के खिलाफ है। यह मंदिर की सुरक्षा से समझौता है। 

मदुरै(MADURAI). सोशल मीडिया पर वीडियो-फोटो शेयर करके अपनी फैन फॉलोइंग(Fan Following) बढ़ाने के चक्कर में मंदिरों की व्यवस्था और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों पर अब नकेल कसती दिख रही है। पहले बात करते हैं तमिलनाडु की। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ( Madurai Bench of the Madras High Court) ने हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (Hindu Religious and Charitable Endowment- HR&CE) विभाग को 'पवित्रता और धार्मिक संवेदनशीलता-purity and religious sanctity' बनाए रखने के लिए तमिलनाडु के सभी मंदिरों के अंदर मोबाइल फोन के उपयोग पर बैन लगा दिया है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...


याचिकाकर्ता एम सीतारमन(petitioner M Seetharaman) ने एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें थिरुचेंदूर मंदिर के अंदर सेल फोन रखने और उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रभावी उपाय करने की मांग की गई थी। इसमें कहा गया था कि, क्योंकि भक्त बिना किसी प्रतिबंध के तस्वीरें और वीडियोग्राफी करते हैं, यह धार्मिक नियमों के खिलाफ है। यह मंदिर की सुरक्षा से समझौता है।  (ये तीन तस्वीरें मप्र की हैं, जो विवादों में रही थीं, पहली तस्वीर छतरपुर के एक मंदिर की है, जबकि बाकी दो तस्वीरें उज्जैन के महाकाल मंदिर कीं)

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उन्होंने उल्लेख किया कि इससे महिला भक्तों की सहमति के बिना उनकी तस्वीरें लेने की संभावनाएं बन जाती हैं, जिनका दुरुपयोग किया जा सकता है। याचिकाकर्ता ने कहा कि धार्मिक पवित्रता और सुरक्षा के उपाय के रूप में मदुरै में मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर में इस तरह के प्रतिबंध को अपनाया गया है और मंदिर परिसर के बाहर सेल फोन रखने के लिए अलग लॉकर रूम उपलब्ध कराए गए हैं।


मामले की सुनवाई करने वाले जस्टिस आर महादेवन और जे सत्य नारायण प्रसाद ने कहा कि अधिकारियों को मंदिर परिसर के अंदर सेल फोन के उपयोग पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने होंगे, ताकि भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा मंदिर की पवित्रता को बनाए रखा जा सके। हाईकोर्ट ने माना कि फोन और कैमरों के इस्तेमाल से भक्तों का ध्यान बंट जाता है। बता दें कि देश भर के मंदिरों (उदाहरण के लिए: गुरुवायुर में श्री कृष्ण मंदिर, तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर) में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह बैन  सफलतापूर्वक लागू किया गया है। 

हाईकोर्ट को पता चला कि तिरुचेंदूर में मंदिर के अधिकारियों ने पहले ही मंदिर परिसर के अंदर मोबाइल फोन प्रतिबंध, सभ्य ड्रेस कोड(decent dress code) और अन्य के लिए उपाय किए थे। साथ ही HR&CE को तमिलनाडु के सभी मंदिरों में इसका पालन करने का आदेश दिया था।


यहां मप्र के दो बड़े विवादों का जिक्र करते हैं, जिन्होंने देशभर की मीडिया का ध्यान खींचा था। एक मामला मप्र के छतरपुर जिले के लवकुशनगर की प्रसिद्ध माता बम्बरबैनी मंदिर में दो महीने पहले सामने आया था। वहां सीढ़ियों पर एक लड़की ने सोशल मीडिया के लिए रील बनाई थी। इस पर हिंदू संगठनों ने नाराजगी जताई थी। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने छतरपुर एसपी को युवती पर FIR के आदेश दिए थे। हालांकि बाद में वीडियो बनाने वाली लड़की नेहा मिश्रा ने इंस्टाग्राम पर वीडियो अपलोड करके माफी मांगी थी।

एक बड़ा विवाद मप्र के ही उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में सामने आया था। यह मामला अक्टूबर,2022 का है। महाकाल मंदिर के परिसर और फिर गर्भगृह में लड़कियों ने वीडियो बनाकर वायरल किया था। बाद में विवाद बढ़ने पर कलेक्टर ने कार्रवाई के आदेश दिए थे।

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