गुजरात दंगों पर BBC की डॉक्यूमेंट्री को विदेश मंत्रालय ने बताया भारत के खिलाफ दुष्प्रचार

विदेश मंत्रालय ने बीबीसी की "इंडिया: द मोदी क्वेश्चन" नामक दो-भाग की सीरीज पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। यह पूर्वाग्रह से ग्रसित डॉक्यूमेंट्री है जिसमें निष्पक्षता की कमी और निरंतर औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। ऐसी फिल्म को प्रतिष्ठित नहीं किया जा सकता है।

Dheerendra Gopal | Published : Jan 19, 2023 12:42 PM IST / Updated: Jan 19 2023, 06:15 PM IST

पीएम मोदी पर BBC की डॉक्यूमेंट्री: बीबीसी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री विवादों के घेरे में आ चुका है। इस विवादित डॉक्यूमेंट्री को भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री पूर्वाग्रह से ग्रसित है और भारत के प्रधानमंत्री की छवि को धूमिल करने के लिए बनाई गई है। यह विशेष रूप से बदनाम करने के लिए एजेंसी ने बनाई है। डॉक्यूमेंट्री का बदनाम करने का पूर्वाग्रह वाला एजेंडा है।

क्या कहा विदेश मंत्रालय ने...

विदेश मंत्रालयक के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री सीरीज पूर्वाग्रह वाला है। डॉक्यूमेंट्री उस एजेंसी की प्रतिबिंब है जिसने इसे बनाया है। हमें लगता है कि यह विशेष तौर पर बदनाम करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह पूर्वाग्रह से ग्रसित डॉक्यूमेंट्री है जिसमें निष्पक्षता की कमी और निरंतर औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। ऐसी फिल्म को प्रतिष्ठित नहीं किया जा सकता है। विदेश मंत्रालय ने बीबीसी की "इंडिया: द मोदी क्वेश्चन" नामक दो-भाग की सीरीज पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

ब्रिटिश सांसद ने भी बीबीसी की आलोचना की...

यहां तक कि ब्रिटिश सांसदों ने भी विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री प्रसारित करने के बीबीसी के फैसले की आलोचना की है। ब्रिटिश सांसद लार्ड रामी रेंजर ने बीबीसी पर पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग का आरोप लगाया है। यूके हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने ट्विटर पर लिखा: '@BBCNews आपने एक अरब से अधिक भारतीयों को बहुत नुकसान पहुँचाया है। यह लोकतांत्रिक रूप से चुने गए एक प्रधानमंत्री, भारतीय पुलिस और भारतीय न्यायपालिका का अपमान करता है। हम दंगों और जनहानि की निंदा करते हैं और आपकी पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की भी निंदा करते हैं।'

क्या है विवादित डॉक्यूमेंट्री में...

दरअसल, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री "इंडिया: द मोदी क्वेश्चन" में पीएम मोदी और भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के तनाव को दर्शाया गया है। इसमें 2002 के गुजरात दंगों में उनकी भूमिका को लेकर कई प्रश्न खड़े किए हैं। गुजरात दंगों में हजारों लोग मारे गए थे। डॉक्यूमेंट्री में यह साफ दिखा गया है कि कैसे नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत का अल्पसंख्यक कैसे खराब स्थितियों से गुजर रहा है। उसके साथ भेदभाव व्यवहार किए जा रहे हैं। 2019 में 'अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ कश्मीर के स्पेशल स्टेट का दर्जा खत्म करने और सीएए को लेकर मुसलमानों के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है। 

मंगलवार को सीरीज रिलीज होने के बाद बवाल

मंगलवार को बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री रिलीज हुई। इसके बाद पूरे देश ही नहीं दुनिया के कई देशों में बीबीसी की आलोचना शुरू हो गई। हालांकि, भारत सरकार की आपत्ति के बाद डॉक्यूमेंट्री को यूट्यूब ने वीडियो को अपने प्लेटफार्म से हटा दिया है। सीरीज देखने वालों के अनुसार, इसमें पीएम मोदी को काफी नजदीक से अध्ययन किया गया है।  उनकी सत्ता तक की यात्रा को ट्रैक किया गया है। इसने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल सहित उनके राजनीतिक जीवन का गहन अध्ययन भी किया है।

सुप्रीम कोर्ट में मामला खत्म होने के बाद आई डॉक्यूमेंट्री

गुजरात दंगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी ने हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी थी। काफी वर्षों से उन पर लग रहे आरोपों को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि गुजरात दंगों के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ किसी प्रकार के सबूत नहीं मिले जिससे यह साबित हो कि उनकी कोई भूमिका दंगों में रही है। दंगों के एक दशक बाद एक रिपोर्ट में विशेष जांच दल ने प्रधान मंत्री मोदी को 'कोई मुकदमा चलाने योग्य सबूत नहीं' का हवाला देते हुए बरी कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जून में कहा था कि मामला 'योग्यता से रहित' था। यह 'स्पष्ट रूप से किसी गुप्त उद्देश्य के लिए दायर किया गया था।

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