पश्चिम बंगाल में विधानसभा इलेक्शन को लेकर पार्टियां जोर-शोर से तैयारी कर रही हैं। इस बीच नेताओं का दल बदलना लगा हुआ है। ऐसे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष और पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सौरव गांगुली के राजनीति में आने की अटकलें तेज हो गई हैं।
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में विधानसभा इलेक्शन को लेकर पार्टियां जोर-शोर से तैयारी कर रही हैं। इस बीच नेताओं का दल बदलना लगा हुआ है। ऐसे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष और पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सौरव गांगुली के राजनीति में आने की अटकलें तेज हो गई हैं। रविवार यानी कि 27 दिसंबर को बीसीसीआई के प्रमुख ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि वो जल्द ही राजनीति में एंट्री कर सकते हैं। हालांकि, इसे एक व्यक्तिगत मुलाकात बताया जा रहा है।
सौरव गांगुली से जब मुलाकात पर सवाल किए गए तब उन्होंने कहा, अगर राज्यपाल आपसे मिलना चाहते हैं तो आपको मिलना होता है।
बीजेपी में जाने की थी अटकलें
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से सौरव गांगुली को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इस बीच उनका राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात करना इस बात को और पक्का कर रहा है। वहीं, रविवार को ही राज्यपाल से मुलाकात से पहले निष्पक्ष चुनाव की वकालत की थी।
गौरतलब है कि जब से सौरव बीसीसीआई के अध्यक्ष बने हैं, तभी से उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि, गांगुली की तरफ से कभी उनके राजनीति में एंट्री और बीजेपी में शामिल होने को लेकर कभी बयान नहीं आया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पश्चिम बंगाल आने का कार्यक्रम है। खबरों में सूत्रों के हवाले से ये भी कहा जा रहा है कि इस दौरे के दौरान कई लोग बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि गांगुली भी इस मौके पर बीजेपी ज्वॉइन कर सकते हैं।
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क्या बीजेपी के सीएम उम्मीदवार बनेंगे सौरव गांगुली?
मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने कोलकाता दौरे पर कहा था कि बंगाल का भूमि पुत्र ही बंगाल का अगला मुख्यमंत्री होगा। ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या सौरव गांगुली ही वो बंगाल के भूमि पुत्र हैं। हाल ही में टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) की वैशाली डालमिया ने भी राज्यपाल से मुलाकात की थी और वैशाली डालमिया को सौरव गांगुली का काफी करीबी माना जाता है। जी हां ये वही डालमिया हैं, जिन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाहरी कहने पर आपत्ति जताई थी।
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