
नई दिल्ली। भारत में बने पहले एयर क्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर नेवी के अधिकारियों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाली लड़ाई अचानक शुरू हो सकती है। इसके लिए हमें तैयार रहना होगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर खतरा बढ़ रहा है। इससे प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए सशस्त्र बलों को भविष्य की क्षमताओं को विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही समुद्र तट और सीमाओं पर सैनिकों की तेजी से तैनाती हो सके, यह क्षमता बनाए रखनी चाहिए।
भविष्य की चुनौतियों के लिए रहना है तैयार
गोवा तट पर मौजूद आईएनएस विक्रांत पर रक्षा मंत्री सवार हुए। यहां मंत्री ने नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा, “भविष्य के संघर्ष अप्रत्याशित होंगे। विश्व व्यवस्था लगातार विकसित हो रही है। इसमें तेजी से बदलाव हो रहे हैं। इसने सभी देशों को फिर से रणनीति बनाने के लिए मजबूर किया है। उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के साथ-साथ पूरे समुद्र तट पर लगातार चौकसी बनाए रखनी चाहिए। हमें भविष्य में पैदा होने वाली सभी चुनौतियां का सामना करने के लिए तैयार रहना है।”
आर्थिक उन्नति तय करने के लिए सीमाओं की सुरक्षा जरूरी
राजनाथ सिंह ने कहा कि सामाजिक और आर्थिक उन्नति सुनिश्चित करने के लिए सीमाओं को सुरक्षित करना जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपने अमृत काल में आगे बढ़ रहा है। आर्थिक विकास और सुरक्षा एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। भारत का रक्षा उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। भारत हथियारों का प्रमुख निर्माता बन गया है। इससे अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिल रहा है।
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गौरतलब है कि चीन और भारत के बीच पिछले तीन साल से सीमा विवाद को लेकर तनातनी जारी है। लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में दोनों देशों के सैनिकों के बीच कई झड़पें हुईं हैं। दूसरी ओर पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद की प्रॉक्सी वार की रणनीति पर चल रहा है।
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