नई दिल्ली : बेंगलुरु में हुई आतंकवादी गतिविधि के मामले में, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सलमान खान को रवांडा सरकार ने भारत को सौंप दिया है। एनआईए, रवांडा जांच एजेंसी एनसीबी और इंटरपोल के सहयोग से सीबीआई गुरुवार को सलमान को भारत लाने में कामयाब रही। गिरफ्तार सलमान रहमान खान, एक मामले में बेंगलुरु जेल में बंद था।
इस दौरान उसने आतंकवादी साजिश रची। साथ ही आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक मुहैया कराने में मदद की, सीबीआई ने कहा। उसके खिलाफ पहले बेंगलुरु के हेब्बल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। बाद में 2023 में एनआईए ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली।
सलमान ने क्या किया था?
सलमान 2018 और 2022 के बीच पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अपराध के लिए सजा काट रहा था और बेंगलुरु केंद्रीय कारागार में बंद था। इस दौरान वह 2008 के बेंगलुरु सीरियल ब्लास्ट मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आतंकी टी. नासिर के संपर्क में आया। नासिर, इसी मामले में गिरफ्तार मदनी का शिष्य था। जेल में नासिर ने सलमान का ब्रेनवॉश किया और जेल में ही लश्कर का गठन किया। जेल से रिहा होने के बाद सलमान एक आतंकवादी के रूप में आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने लगा।
आतंकवादियों को हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक इकट्ठा करने और वितरित करने में मदद कर रहा था। साथ ही, एक बार जब नासिर अदालत में पेश हुआ, तो सलमान ने उसके भागने की साजिश रची। लेकिन जब आतंकवादी साजिश का खुलासा हुआ, तो सलमान भारत से भाग गया और छिपता फिर रहा था। आखिरकार वह रवांडा में पकड़ा गया।
यह कैसे पकड़ा गया?
बेंगलुरु ब्लास्ट की जांच कर रही एनआईए ने सलमान का पता लगाने के लिए इंटरपोल से मदद मांगी थी। इसके बाद 2 अगस्त को इंटरपोल ने सलमान के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था। तब रवांडा में उसके होने की जानकारी वहां के अधिकारियों को हुई, जिन्होंने 9 सितंबर को सलमान को गिरफ्तार कर भारतीय एजेंसियों को सूचित किया। इसके बाद एनआईए, नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (एनसीबी) और इंटरपोल के संयुक्त प्रयासों से सीबीआई उसे भारत लाने में सफल रही।
इस साल का 26वां प्रत्यर्पण
यह आतंकी गतिविधियों से जुड़ा इस साल का 26वां प्रत्यर्पण मामला है। इसके अलावा, 2021 से अब तक इंटरपोल के माध्यम से 100 वांछित अपराधियों को भारत प्रत्यर्पित किया जा चुका है।