Bharat Biotech का दावा, कोरोना से लंबे समय तक रक्षा करता है COVAXIN का बूस्टर डोज, नहीं कोई नुकसान

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोवैक्सिन टीका बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने दावा किया है कि कोवैक्सिन का बूस्टर डोज कोरोना से लंबे समय तक सुरक्षा देता है। इसे लगाने के बाद कोई गंभीर प्रतिकूल असर नहीं दिखा है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 8, 2022 9:19 PM IST

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोवैक्सिन (Covaxin) टीका बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने दावा किया है कि कोवैक्सिन का बूस्टर डोज कोरोना से लंबे समय तक सुरक्षा देता है। इसे लगाने के बाद कोई गंभीर प्रतिकूल असर नहीं दिखा है। भारत बायोटेक ने शनिवार को कहा कि ट्रायल के दौरान पता चला है कि कोवैक्सिन का बूस्टर डोज लंबे समय तक कोरोना से इंसान की रक्षा करता है। जिन लोगों को टीका का बूस्टर डोज लगाया गया, उनमें किसी प्रकार का गंभीर प्रतिकूल असर नहीं दिखा। 

भारत बायोटेक ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि परीक्षण के दौरान Covaxin ने बिना किसी गंभीर प्रतिकूल घटना के दीर्घकालिक सुरक्षा का प्रदर्शन किया। टीका लगवाने वाले 90 फीसदी लोगों के प्रतिरक्षा तंत्र ने कोरोना के कई वैरिएंट के खिलाफ प्रतिक्रिया दी। इन्हें कोवैक्सिन का दूसरा डोज लगाने के छह महीने बाद बूस्टर डोज दिया गया था। 

वैश्विक वैक्सिन बना कोवैक्सिन
भारत बायोटेक के एमडी और चेयरमैन डॉ कृष्णा इला ने कहा कि ट्रायल के रिजल्ट से COVAXIN का बूस्टर खुराक लोगों को देने के हमारे लक्ष्य को मजबूत आधार मिला है। कोरोना के खिलाफ एक वैश्विक वैक्सिन बनाने का हमारा लक्ष्य पूरा हुआ है। कोवैक्सिन आज वयस्कों, बच्चों और बूस्टर डोज के लिए उपलब्ध है। इससे कोवैक्सिन वैश्विक वैक्सिन बनने में सक्षम हुआ है। 

10 जनवरी से लगेगा बूस्टर डोज
बता दें कि भारत में कोरोना के टीका का बूस्टर डोज यानी प्रीकॉशन डोज स्वास्थ्य सेवा और फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को 10 जनवरी से दी जाएगी। बूस्टर डोज लेने वाले योग्य लोग, जिन्होंने कोविड-19 वैक्सीन की दोनों डोज ली है, वे सीधे अपॉइंटमेंट ले सकते हैं या किसी भी कोविड-19 टीकाकरण केंद्र में वॉक-इन कर डोज लगवा सकते हैं। 60 साल से अधिक उम्र के ऐसे लोगों को प्रीकॉशन डोज मिलेगा जो कई अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। उन्हें डॉक्टर से अपना मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाना होगा और उसे रजिस्ट्रेशन के समय ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपलोड करना होगा या टीकाकरण केंद्र पर दिखाना होगा।

 

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