भारत जोड़ो यात्रा: कांग्रेस ने लॉन्च किया लोगो और कैम्पेन, राहुल गांधी बता चुके हैं इसे अपनी तपस्या

'भारत जोड़ो यात्रा' कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक होगी। यात्रा के दौरान यह पैदल यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी। कांग्रेस इसे ऐतिहासिक यात्रा बता रही है, जो 7 सितबंर से शुरू होने वाली है।

Amitabh Budholiya | Published : Aug 23, 2022 2:14 AM IST / Updated: Aug 23 2022, 01:42 PM IST

नई दिल्ली. कांग्रेस आज (23 अगस्त) को दिल्ली स्थित पार्टी के मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम भारत जोड़ो यात्रा(Congress Bharat Jodo Yatra) का लोगो और कैम्पेन(Logo and Campaign) लॉन्च किया। इसकी लॉन्चिंग राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह ने की। 'भारत जोड़ो यात्रा' कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक होगी। यात्रा के दौरान यह पैदल यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी।

'नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो' हमारा अभियान
इस मौके पर दिग्विजय सिंह ने कहा-हम हमारी वेबसाइट को लांच कर रहे हैं, इस वेबसाइट के माध्यम से हमारा ये प्रयास होगा कि जो भी 'भारत जोड़ो यात्रा' के साथ जुड़ना चाहता है, वो इस वेबसाइट पर रजिस्टर करे, हमारी तरफ से रिस्पॉन्ड किया जाएगा। एक तेरा कदम, एक मेरा कदम.. मिल जाए तो जुड़ जाए सारा वतन। ये हमारा मुख्य उद्देश्य है।

'भारत जोड़ो यात्रा' का मकसद- इस देश में जो नफरत का माहौल बना हुआ है, भारतीय संविधान के विपरीत व्यवस्था काम कर रही है, महंगाई-बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। उसी को लेकर उदयपुर के नवसंकल्प शिविर में भारत जोड़ो यात्रा का प्रस्ताव पारित हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चाहती हैं कि पूरे देश में भारत जोड़ो यात्रा निकाली जाए, जिसमें हर धर्म, हर जाति, हर समुदाय के लोग शामिल हों। 'नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो' हमारा अभियान रहेगा।
 

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7 सितबंर शुरू होगी भारत जोड़ो यात्रा 
कांग्रेस इसे ऐतिहासिक यात्रा बता रही है, जो 7 सितबंर से शुरू होने वाली है। इसी सिलसिले में सोमवार को राहुल गांधी के साथ इससे जुड़े लोग एक कॉन्क्लेव शामिल हुए थे। दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में सोमवार को सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों और प्रमुख हस्तियों के साथ राहुल गांधी ने यह बैठक की थी। 'भारत जोड़ी यात्रा कॉन्क्लेव' में ‘स्वराज इंडिया’ के योगेंद्र यादव के अलावा अरुणा रॉय, सैयदा हमीद, शरद बिहार, पीवी राजगोपाल, बेजवाड़ा विल्सन, देवनूरा महादेवा और जीएन देवी जैसे 150 से अधिक नागरिक समाज संगठनों, आंदोलनों, पेशेवरों और यूनियनों ने भाग लिया। कहा जा रहा है कि यात्रा को इन सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन का साथ मिल गया है। 'भारत जोड़ो यात्रा' 7 सितबंर से तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू होगी। यात्रा 3500 किलोमीटर की दूरी तय कर कश्मीर में समाप्त होगी। कांग्रेस की मानें, तो इस यात्रा में सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और समान विचारधारा के लोग शामिल हो सकते हैं।

राहुल गांधी इसे अपनी तपस्या बता चुके हैं
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में 'भारत जोड़ी यात्रा कॉन्क्लेव' में नागरिक समाज के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए गांधी ने कहा था कि यात्रा उनके लिए 'तपस्या' की तरह है। वह देश से 'लंबी लड़ाई' के लिए तैयार हैं। देश को एकजुट करो। कांग्रेस ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह 7 सितंबर को 'भारत जोड़ी यात्रा' शुरू करेगी। इसे पार्टी ने सदी में इस देश में सबसे लंबी यात्रा के रूप में पेश किया है। गांधी के हवाले से कहा गया, "मैं जानता हूं कि भारत (भारत जोड़ी) को एकजुट करना एक लंबी लड़ाई होगी और मैं इसके लिए तैयार हूं।" राहुल गांधी ने कहा था कि देश की राजनीति ध्रुवीकृत(polarised) हो गई है। गांधी ने कहा कि यात्रा शुरू करने का विचार यह बताना है कि एक तरफ संघ की विचारधारा है और दूसरी तरफ सभी को एकजुट करने की विचारधारा है। गांधी ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई उनके साथ चलता है या नहीं, वह अकेले चलेंगे।

इससे पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने नागरिक समाज के प्रतिनिधियों को 'भारत जोड़ी यात्रा' का विवरण प्रस्तुत किया और लोगों के मुद्दों पर बोलने वालों को इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने भारत जोड़ी यात्रा के तीन मुख्य स्तंभों की पहचान की है-आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक।

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